लखनऊ: यूपी में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं. पीएम नरेन्द्र मोदी ने किसी न किसी बहाने यहां का दौरा शुरू कर दिया है. उनका इरादा हर महीने यूपी में दो रैलियां करने की है. इसी हफ़्ते बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दो दिनों तक यूपी में पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग की. सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव तक मौजूद रहे. लेकिन ओम माथुर को सब ढूंढते ही रह गए. बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी के यूपी प्रभारी राज्य में सरकार बनने के बाद से ही गायब हो गए हैं. खबर है कि एक ताकतवर नेता से उनकी नहीं बनी और उन्हें बनवास मिल गया.


बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर को लकी माना जाता है. कहते है जिस राज्य का उन्हें प्रभारी बनाया जाता है, वहां बीजेपी की सरकार बन जाती है. वे जब गुजरात के प्रभारी बने तो विधानसभा चुनाव में पार्टी जीत गई और नरेंद्र मोदी फिर से सीएम बन गए. उन्हें महाराष्ट्र की जिम्मेदारी दी गयी, वहां बिना शिवसेना के ही जीत कर बीजेपी ने सरकार बना ली.


पिछले लोकसभा चुनाव के बाद ओम माथुर यूपी के प्रभारी बना दिए गए. पंद्रह सालों बाद बीजेपी की सरकार बनी. माथुर फिर बीजेपी के लिए लकी साबित हुए. लेकिन यही लकी चेहरा उसके बाद धीरे धीरे यूपी से गायब होता चला गया. शुरुआत में कुछ बड़ी बैठकों में उन्हें मंच पर जरूर देखा गया. पिछले आठ महीनों में वे एक ही बार आए. शायद पार्टी को अब अपने इस नेता की जरुरत ही नहीं रही. अभी इसी हफ्ते बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने यूपी का दौरा किया था. लगातार दो दिनों तक बैठकें होती रहीं. भूपेंद्र यादव, अनिल जैन और अरुण सिंह जैसे नेता मीटिंग में गए थे. ये तीनों ही नेता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री हैं लेकिन बीजेपी के प्रभारी ओम माथुर को बुलाने की जरुरत नहीं समझी गई. राजस्थान के रहने वाले ओम माथुर वहीं से राज्य सभा सांसद हैं, वे पार्टी के उपाध्यक्ष भी हैं. अविवाहित माथुर आरएसएस के प्रचारक रहे.


आखिर ओम माथुर को क्यों नहीं पार्टी की बैठकों में बुलाया जाता है? इसका जवाब यूपी के छोटे बड़े सभी बीजेपी कार्यकर्ताओं के पास है. यही नहीं कांग्रेस, एसपी और बीएसपी के नेता भी ये जानते हैं. ये ना तो कोई राज की बात है और ना ही रहस्य लेकिन लखनऊ से लेकर दिल्ली तक कोई इस मुद्दे पर बात नहीं करता है. पार्टी के बैनर और पोस्टरों से ओम माथुर का नाम और उनकी तस्वीर हट गई है.


सुनील बंसल यूपी में बीजेपी के सबसे ताकतवर नेता माने जाते हैं. उनके बारे में कहावत है 'बंसल जी जो कहें वही सही.' वे यूपी में बीजेपी के संगठन मंत्री हैं. कहते हैं कि उनकी कभी माथुर से नहीं बनी. जैसे तैसे कर विधानसभा चुनाव तक दोनों साथ रहे लेकिन यूपी में पार्टी की सरकार बनते ही सब कुछ बदल गया. चुनाव से पहले भी अधिकतर फैसले बंसल ही किया करते थे लेकिन अब तो एक तरह से वही पार्टी संभाल रहे हैं. वे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के वे बड़े करीबी माने जाते हैं. यूपी के प्रभारी होते हुए भी ओम माथुर ने यूपी आना तो छोड़ दिया है लेकिन उनकी जगह अभी किसी और नेता को ये जिम्मेदारी नहीं दी गयी है. कई नाम चर्चा में हैं लेकिन अभी फाइनल कुछ नहीं हुआ है.