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गोरखपुर-बस्‍ती मंडल की नौ लोकसभा सीटों पर रहा है बीजेपी का दबदबा, पर इस बार बदल सकता है समीकरण

बता दें कि 2019 का लोकसभा चुनाव काफी रोचक होता जा रहा है. सपा-बसपा गठबंधन ने सभी दलों को परेशानी में तो डाल ही दिया है. वहीं कांग्रेस में प्रियंका गांधी की इंट्री ने भी हलचल पैदा की है.

गोरखपुरः साल 2014 के आम चुनाव में मोदी लहर में विपक्षी पार्टियां ताश के पत्‍तों की तरह बिखर गईं थी. मंदिर और योगी का गढ़ माना जाने वाले गोरखपुर-बस्‍ती मंडल में भी बीजेपी ने परचम लहराया. साल 2014 के चुनाव में बीजेपी ने सभी नौ लोकसभा सीटों पर जीतकर प्रत्‍याशियों ने प्रतिद्वंदियों को काफी पीछे छोड़ दिया. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जहां गठबंधन में एक साथ लड़ने के लिए खड़ी हुई सपा और बसपा दूसरे और तीसरे स्‍थान पर काबिज रही. तो वहीं कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था. लेकिन, साल 2009 और 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ सपा और बसपा के प्रत्‍याशियों ने जीत हासिल कर उपस्थिति दर्ज कराई थी.

सपा-बसपा गठबंधन और प्रियंका गांधी की इंट्री से बढ़ सकती है बीजेपी की परेशानी

बता दें कि 2019 का लोकसभा चुनाव काफी रोचक होता जा रहा है. सपा-बसपा गठबंधन ने सभी दलों को परेशानी में तो डाल ही दिया है. वहीं कांग्रेस में प्रियंका गांधी की इंट्री ने भी हलचल पैदा की है. ऐसे में जहां 2009 के लोकसभा चुनाव में दूसरे और तीसरे नंबर पर रहने वाली सपा और बसपा का पिछला परफॉर्मेंस काफी अच्‍छा रहा है. तो वहीं कांग्रेस के अच्‍छा परफार्म करने और सीटें कम होने के सर्वे ने बीजेपी की पेशानी पर भी बल डाल दिया है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के आगे सभी विपक्षी पार्टियां गोरखपुर-बस्‍ती मंडल की नौ विधानसभा सीटों पर चारों खाने चित हो गई थीं. उप-चुनाव में बीजेपी को गंवानी पड़ी थी गोरखपुर लोकसभा सीट योगी आदित्‍यनाथ के मुख्‍यमंत्री बनने के बाद खाली हुई गोरखपुर लोकसभा सीट जिसे मंदिर और योगी की सीट माना जाता रहा है, वो सीट भी उप-चुनाव में बीजेपी को गंवानी पड़ी थी. समाजवादी पार्टी के प्रत्‍याशी प्रवीण निषाद ने साढ़े बाइस हजार वोटों के अंतर से बीजेपी के उपेन्‍द्र दत्‍त शुक्‍ल को हराकर ये सीट सपा की झोली में डाल दी. उसके पहले लगातार पांच बार से चुनाव जीतकर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ संसद तक पहुंचते रहे हैं. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में सपा, बसपा और कांग्रेस ने भी अपने प्रदर्शन से अन्‍य दलों को सोचने पर मजबूर किया था.

बांसगांव लोकसभा सीट बांसगांव (सुरक्षित) लोकसभा सीट पर साल 2014 में बीजेपी के कमलेश पासवान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के सदल प्रसाद को 1,89,516 मतों के भारी अंतर से हराकर जीत दर्ज की थी. कमलेश को 4,17,959 लाख, तो वहीं बसपा के सदल प्रसाद को 2,28,443 मतों पर संतोष करना पड़ा. सपा के गोरख प्रसाद पासवान 1,33675 वोटों के साथ तीसरे और कांग्रेस के डा. संजय कुमार 50,675 वोटों के साथ चौथे स्‍थान पर रहे. साल 2009 में बीजेपी के टिकट पर कमलेश पासवान ने जीत दर्ज की. साल 2004 में कांग्रेस के महाबीर प्रसाद जीत कर संसद पहुंचे. साल 1999 और 1998 में बीजेपी के राजनारायण पासी ने जीत हासिल की थी.

देवरिया लोकसभा सीट देवरिया लोकसभा सीट पर साल 2014 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री कलराज मिश्र ने जीत हासिल की. उन्‍होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीएसपी के नियाज अहमद को 2,65,386 मतों के भारी अंतर से हराकर जीत हासिल की. कलराज मिश्र को 4,96,500 तो वहीं नियाज को 2,31,114 मत हासिल हुए. सपा के बालेश्‍वर यादव और कांग्रेस के सबा कुंवर को क्रमशः 1,50,852 और 37,752 मतों पर संतोष करना पड़ा. साल 2009 में इस सीट पर बसपा के गोरख प्रसाद जायसवाल ने जीत हासिल की थी. साल 2004 में सपा के मोहन सिंह, साल 1999 और 98 में क्रमशः भाजपा के जनरल प्रकाश मणि त्रिपाठी और सपा के मोहन सिंह ने जीत का आगाज किया था. सलेमपुर लोकसभा सीट सलेमपुर लोकसभा सीट पर साल 2014 में बीजेपी के रविन्‍द्र कुशवाहा ने जीत हासिल की. उन्‍होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी रविशंकर सिंह पप्‍पू को 2,32,342 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की. रविन्‍द्र कुशवाहा को 3,92,213, तो वहीं रवि शंकर सिंह पप्‍पू को 1,59,871 मत मिले. सपा के हरिवंश सहाय कुशवाहा को 1,59,688 मत, एसबीएसपी के ओम प्रकाश राजभर को 66,084 मत और कांग्रेस के डा. भोला पाण्‍डेय को 41,890 मत मिले. साल 2009 में बसपा के राम शंकर राजभर और साल 2004 में सपा के हरबंश प्रसाद ने जीत हासिल की थी. साल 1999 में बब्‍बन राजभर ने बीएसपी के टिकट पर जीत हासिल की थी.

कुशीनगर लोकसभा सीट कुशीनगर लोकसभा सीट पर साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्‍याशी राजेश पाण्‍डेय उर्फ गुड्डू ने 85,540 मतों के अंतर से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्‍याशी कुंवर आरपीएन सिंह को हराकर जीत हासिल की थी. राजेश पाण्‍डेय को 3,70,051, तो वहीं आरपीएन सिंह को 2,84,511 मत हासिल हुए. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्‍याशी कुंवर आरपीएन सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के स्‍वामी प्रसाद मौर्य को 21,096 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की. आरपीएन सिंह को 2,23,956 तो वहीं बसपा के स्‍वामी प्रसाद मौर्य को 2,02,860 मत हासिल हुए थे.

महराजगंज लोकसभा सीट महराजगंज लोकसभा सीट पर साल 2014 में बीजेपी के पंकज चौधरी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के काशीनाथ शुक्‍ला को 2,58,458 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी. पंकज चौधरी को 4,71,542 मत, तो वहीं काशीनाथ शुक्‍ला को 2,31,084 मत हासिल हुए. सपा के अखिलेश सिंह को 2,13,974 मतों पर संतोष करना पड़ा. तो वहीं कांग्रेस के हर्षवर्धन को महज 57,193 मत मिले. साल 2009 में कांग्रेस के हर्षवर्धन ने जीत हासिल की थी. साल 2004 और 1999 में क्रमशः भाजपा के पंकज चौधरी और सपा के अखिलेश सिंह को जीत मिली थी. बस्‍ती लोकसभा सीट बस्‍ती लोकसभा सीट पर साल 2014 में भाजपा के हरीश द्विवेदी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के बृज किशोर सिंह डिंपल को 33,562 मतों के अंतर से हराया. हरीश द्विवेदी को 3,57,680 तो वहीं बृज किशोर सिंह डिंपल को 3,24,118 मतों पर संतोष करना पड़ा. बसपा के राम प्रताप चौधरी को 2,83,747 और कांग्रेस के अंबिका सिंह को 27,673 मत हासिल हुए. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा के अ‍रविंद कुमार चौधरी और साल 2004 के चुनाव में बसपा के ही लाल मणि प्रसाद ने जीत का परचम लहराया था. साल 1999 में बीजेपी के श्रीराम चौहान ने जीत दर्ज की थी.

संतकबीरनगर लोकसभा सीट संतकबीरनगर लोकसभा सीट पर साल 2014 में मोदी लहर में भाजपा के शरद त्रिपाठी ने सभी प्रतिद्वंदियों को पीछे छोड़ दिया था. उन्‍होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के भीष्‍म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी को 97,978 मतों से हराकर जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में शरद त्रिपाठी को 3,48,892 मत मिले थे. वहीं भीष्‍म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी को 3,24,118 मत हासिल हुए. सपा के भालचंद यादव को 2,40,169 और पीस पार्टी के राजाराम को 69,193 मत मिले. कांग्रेस के रोहित कुमार पाण्‍डेय को 22,029 मत मिले.

डुमरियागंज लोकसभा सीट डुमरियागंज लोकसभा सीट पर साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्‍याशी जगदंबिका पाल ने अपने नि‍कटतम प्रतिद्वंदी बसपा के मोहम्‍मद मुकीम को 1,03,588 मतों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की थी. उन्‍हें 2,98,845 मत मिले. तो वहीं बसपा के मोहम्‍मद मुकीम को 1,95,257 मतों पर ही संतोष करना पड़ा. वहीं सपा के माता प्रसाद पाण्‍डेय को 1,74,778 मत हासिल हुए. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्‍याशी जगदंबिका पाल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के राजा जय प्रताप सिंह को 76,566 मतों के अंत‍र से हराकर जीत हासिल की. जगदंबिका पाल को 2,29,872 मत हासिल हुए. तो वहीं राजा जय प्रताप सिंह को 1,53,306 मत मिले. साल 2004 के लोकसभा चुनाव में बसपा के प्रत्‍याशी मोहम्‍मद मुकीम ने 52,902 मतों से हाराकर जीत हासिल की थी. मुकीम को 2,02,544, तो वहीं पाल को 1,49,642 मत मिले. साल 1999 और 98 में भाजपा के राम पाल सिंह ने जीत दर्ज की थी.

सपा-बसपा में किसे कहां मिली सीटें...

गोरखपुर- सपा

बांसगांव- बसपा

देवरिया- बसपा

सलेमपुर- बसपा

कुशीनगर- सपा

महराजगंज- सपा

बस्‍ती- बसपा

संतकबीनगर- बसपा

डुमरियागंज- बसपा

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