लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने सोमवार को कहा कि वर्ष 2019 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 7 फरवरी से एक साथ शुरू होंगी और 2 मार्च को खत्म होंगी. उन्होंने कहा कि परीक्षा की समय सारणी निर्धारित करते समय सार्वजनिक अवकाशों के साथ-साथ कुंभ का भी विशेष तौर से ख्याल रखा गया है.
लखनऊ के शास्त्री भवन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान डॉ.शर्मा ने ने यह भी बताया कि छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए परीक्षाओं के समय में बदलाव किया गया है.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सुबह की पाली की परीक्षाएं 7.30 बजे के बजाय 8 बजे शुरू होंगी और 11. 15 बजे तक चलेंगी. दूसरी पाली की परीक्षाओं का समय दोपहर बाद 2 से 5.15 बजे तक रहेगा.
डॉ.शर्मा ने कहा कि वर्ष 2019 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षा केंद्रों का निर्धारण ऑनलाइन कराया जाएगा और पारदर्शी परीक्षा,मूल्यांकन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में क्रमांक की उत्तर पुस्तिकाएं प्रयुक्त की जाएंगी.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे विद्यालयों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा, जहां विगत 3 वर्षो से बोर्ड की परीक्षा नहीं हुई हो या पहले से काली सूची में हैं.
उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्र में निर्धारित क्षमता के अनुसार परीक्षार्थियों की संख्या आवंटित की जाएगी. साथ ही परीक्षा केंद्रों पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की जाएगी और परीक्षा कक्ष में वेलकम फ्रेंड कैमरा के साथ-साथ वॉइस रिकार्डर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी.
उपमुख्यमंत्री ने साफ किया कि ऐसे संदिग्ध एवं संवेदनशील विद्यालयों को चिह्न्ति किया जाएगा, जहां पठन-पाठन का कार्य नहीं हो रहा है या बच्चे विद्यालय में उपस्थित नहीं हो रहे हैं. इस तरह के विद्यालयों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए परीक्षार्थी के पंजीकरण को आधार से लिंक किया जा रहा है और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और पुस्तकें परीक्षा केंद्र पर प्रतिबंधित रहेंगी.
डॉ.शर्मा ने पिछले लगभग डेढ़ वर्षो के दौरान उनके विभाग द्वारा किए गए कार्यो का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा 42 करोड़ अतिरिक्त राशि की व्यवस्था करके विगत कई वर्षो से शिक्षकों के मूल्यांकन एवं कक्ष निरीक्षकों से संबंधित पारिश्रमिक का भुगतान कराया गया है.
उन्होंने कहा कि छात्र हित में रिक्त पदों को नियत मानदेय के आधार पर तैनाती से भरने के लिए प्रत्येक जिले में सेवानिवृत्त शिक्षकों का पुल तैयार किया गया है. बोर्ड परीक्षा के संचालन और मूल्यांकन में भी शिक्षकों का सहयोग लिया जाएगा.