कल से शुरु होंगी यूपी बोर्ड की परीक्षाएं, बदले निजाम में नकल रोकना होगी बड़ी चुनौती
इलाहाबाद: यूपी बोर्ड की दसवीं और बारहवीं क्लास के इम्तहान कल से शुरू हो रहे हैं. इस बार के इम्तहान में सत्तर लाख से ज़्यादा स्टूडेंट्स शामिल होंगे, जो अपने आप में एक रिकार्ड होगा. इम्तहान में शामिल होने वाले बच्चों में दसवीं क्लास के चौंतीस लाख और बारहवीं के छब्बीस लाख से ज़्यादा बच्चे हैं. इम्तहान के लिए समूचे यूपी में तकरीबन साढ़े ग्यारह हजार सेंटर्स बनाए गए हैं.
नक़ल पर पूरी तरह रोक लगा पाना बड़ी चुनौती
यूपी में सत्ता परिवर्तन के बाद इस बार होने वाले इम्तहान में नक़ल रोकने को लेकर काफी सख्ती बरते जाने की उम्मीद हैं. हालांकि नई सरकार के अभी अस्तित्व में न होने की वजह से शुरुआती हफ्ते में नक़ल पर पूरी तरह रोक लगा पाना बड़ी चुनौती साबित होगी. वैसे बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद अफसरों ने नक़ल रोकने के लिए अपने लेवल पर ख़ास इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं. हर मंडल में शिक्षा विभाग के किसी बड़े अफसर को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा जा रहा है. यह व्यवस्था पहली बार की जा रही हैं.
परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण में बोर्ड पर मनमानी के गंभीर आरोप
अफसरों का दावा है कि नकल रोकने के लिए इस बार तमाम सेंटर्स पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं तो साथ ही कापियों पर ख़ास कोडिंग भी गई है. नकल के लिए बदनाम इकतीस जिलों को संवेदनशील घोषित कर वहां अलग इंतजाम किये गए हैं. हालांकि इम्तहान शुरू होने से पहले ही परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण में बोर्ड पर मनमानी के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसका जिक्र पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों गोंडा में हुई चुनावी रैली में भी किया था.
बोर्ड परीक्षा को नकल और विवाद के बिना ख़त्म करना बड़ी चुनौती
इस बार दसवीं क्लास के इम्तहान एक अप्रैल तक चलेंगे, जबकि बारहवीं के इम्तहान इक्कीस अप्रैल को ख़त्म होंगे. दसवीं और बारहवीं दोनों ही क्लास में बच्चों को पेपर पढ़ने के लिए इस बार भी पंद्रह मिनट का एक्स्ट्रा टाइम दिया जाएगा. जेल में बंद कैदियों को इम्तहान दिलाने के लिए इस बार आठ जेलों को भी सेंटर बनाया गया है. हालांकि तमाम कवायदों के बावजूद बोर्ड के इम्तहान को नकल और विवाद के बिना ही ख़त्म कर पाना बड़ी चुनौती होगी.