इलाहाबाद: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के निर्देश पर अगले साल से उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की किताबों की जगह एनसीईआरटी की किताबें ले लेंगी.
दिनेश शर्मा के पास माध्यमिक शिक्षा का भी प्रभार
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अपर सचिव (प्रशासन) शिव लाल ने बताया, ‘‘हमें मई महीने में उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की ओर से संदेश मिला जिसमें हमारे पाठ्यक्रम में एनसीईआरटी की पुस्तकें शामिल करने का निर्देश था.’’ दिनेश शर्मा के पास माध्यमिक शिक्षा का भी प्रभार है.
अपर सचिव ने कहा कि यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में यह बदलाव एकेडमिक ईयर 2018-19 से प्रभावी होने की संभावना है. इसका मतलब यह हुआ कि साल 2019 में दसवीं और 12वीं की परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों को नये पाठ्यक्रम के अंतर्गत परीक्षाएं देनी होंगी.
उन्होंने कहा, ‘‘हाई स्कूल के लिए कृषि और इंटरमीडिएट के लिए व्यवसायिक शिक्षा जैसे विषयों के लिए एनसीईआरटी की पुस्तकें नहीं ली जाएंगी क्योंकि इन विषयों के लिए पाठ्यक्रम की बात करें तो यूपी बोर्ड और सीबीएसई के बीच भारी अंतर है.’’
बोर्ड की बैठक में प्रस्तावित बदलावों पर विचार
लाल ने कहा, ‘‘हमारी पाठ्यक्रम समितियों की बैठकों के साथ यह प्रक्रिया आगे बढ़ेगी और इसके बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद की बैठक में प्रस्तावित बदलावों पर विचार किया जाएगा. माध्यमिक शिक्षा परिषद की बैठक, माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में होगी. इसके बाद प्रस्ताव का मसौदा मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा.’’
आपको बता दें कि हर साल यूपी बोर्ड द्वारा कराई जाने वाली दसवीं और 12वीं की परीक्षाओं में लाखों की संख्या में स्टूडेंट्स शामिल होते हैं. पिछले साल 32.6 लाख विद्यार्थी हाई स्कूल की परीक्षाओं, जबकि 29.2 लाख स्टूडेंट्स इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में शामिल हुए थे. एकेडमिक ईयर 2016-17 के लिए हुई परीक्षाओं के परिणामों की घोषणा 9 जून को की जाएगी.