लखनऊ: यौन शोषण और दुष्कर्म मामले में गिरफ्तार पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद की हालत में सुधार के बाद उन्हें संजय गांधी पीजीआई के एमआइसीयू से कार्डियोलाजी विभाग के प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. चिन्मयानंद की सेहत खराब होने के बाद उन्हें यहां के एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था. उनका इलाज हृदय रोग विभाग के प्रमुख प्रो़ पी.के. गोयल कर रहे हैं.


गोयल ने बताया कि "अब उनकी हालात स्थिर है. डायबिटीज के कारण शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के साथ दिल की दवाएं शुरू की जा रही हैं. स्थिति ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी."


उन्होंने बताया, "अल्ट्रासाउंड सहित अन्य परीक्षण कर देखा जा रहा है कि कहीं कोई परेशानी तो नहीं है. शुगर का स्तर अनियंत्रित होने की वजह से शरीर के दूसरे अंगों पर कुप्रभाव की आशंका रहती है, जिसका पता करना जरूरी है. शुगर का स्तर नियंत्रित किया जा रहा है.


बता दें कि चिन्मयानंद सोमवार सुबह शाहजहांपुर से लखनऊ पहुंचे थे. उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच एसजीपीजीआई लाया गया और आइसीयू में भर्ती किया गया. उनको सीने में दर्द की शिकायत थी. शाहजहांपुर के डॉक्टरों ने एंजियोग्राफी के लिए लखनऊ रेफर कर दिया.


पीजीआई के सीएमएस डॉ. अमित अग्रवाल के मुताबिक, सोमवार सुबह 11.45 बजे चिन्मयानंद को भर्ती किया गया. यहां आईसीयू में शिफ्ट कर ईसीजी-ईको जांच की गई. हृदय रोग विभाग के प्रमुख प्रो़ पी.के. गोयल की देखरेख में इलाज शुरू हुआ.


चिन्मयानंद पर दुष्कर्म और यौन शोषण के आरोप मामले में 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेए गए हैं, जहां उनकी तबीयत बिगड़ने लगी थी. इसी कारण उन्हें लखनऊ के पीजीआई में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है.


वहीं चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपये की वसूली मांगने के मामले में आरोपी कानून की 23 वर्षीय छात्रा ने मंगलवार को एक स्थानीय अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की जिसे अदालत ने विचारार्थ स्वीकार कर लिया. इस पर 26 सितंबर को सुनवाई होगी.


छात्रा के वकील अनूप त्रिवेदी ने पत्रकारों को बताया कि एडीजे सुधीर कुमार की अदालत ने स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली छात्रा की अग्रिम जमानत याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली. अदालत ने इस मामले से संबंधित सभी रिकॉर्ड 26 सितंबर को तलब किए हैं. त्रिवेदी ने कहा कि यह राहत की बात है कि अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली है और सामान्यत: ऐसे मामलों में गिरफ्तारी नहीं होती है .


इस बीच, छात्रा को अदालत से उसके घर छोड़ने पहुंची एसआईटी ने लड़की से उसके घर पर देर शाम तीन घंटे तक पूछताछ की. पुलिस सूत्रों ने बताया कि पूछताछ करने वाली टीम में दो महिला अधिकारियों के अलावा सात लोग थे.