लखनऊ: एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित 1,581 मामलों के मुकदमे में तेजी लाने के आदेश दिए हैं और उसके लिए विशेष अदालतों के गठन की बात कही है तो वहीं दूसरी तरफ इसके विपरीत उत्तरप्रदेश के नगर निकाय चुनाव के पहले चरण में चुनाव लड़ रहे 377 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.


अतिरिक्त चुनाव आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा के माध्यम से साझा किए गए आंकड़े बताते हैं कि आपराधिक मामले वाले 377 उम्मीदवारों में से 9 उम्मीदवार मेयर पद के हैं तो वहीं 45 उम्मीदवार नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे हैं. 52 उम्मीदवार जो कि नगर पंचायत के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे हैं उन पर भी आपराधिक मामले दर्ज हैं. अन्य पदों की बात की जाए जिनके लिए चुनाव लड़ रहे लोगों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं तो उनमें 127 काउंसलर, 100 नगर पालिका परिषद के सदस्य और 44 नगर पंचायत के सदस्य पद के उम्मीदवार शामिल हैं.


पहले चरण के चुनाव में 24 जिलों को शामिल किया गया है जिनमें आगरा, कानपुर, फैजाबाद, गोरखपुर और मेरठ सहित पांच नगर निगमों को भी शामिल किया गया है. इन सभी जगहों पर चुनाव 22 नवंबर को संपन्न होंगे.


राज्य निर्वाचन आयोग के माध्यम से जारी आंकड़ों के मुताबिक मेयर पद का चुनाव लड़ रहे 56 उम्मीदवारों में 23 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं.