लखनऊ: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि विधानसभा चुनावों में नोटबंदी भी एक अहम मुद्दा होगा. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि प्रदेश में समाजवादी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार दोबारा बनने जा रही है. लखनऊ में 5, कालीदास मार्ग स्थित अपने आवास पर एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ये बातें कहीं. अखिलेश ने कहा कि प्रदेश सरकार की नीतियों और कामों से जनता वाकिफ है जिसके आधार पर मतदान के समय निर्णय करेगी.


हालांकि, नोटबंदी को लेकर अखिलेश ने केंद्र सरकार की निंदा करते हुए कहा कि नोटबंदी से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. तमाम दावों के बावजूद अभी तक लोगों को राहत नहीं मिली है. यह पता नहीं है कि बैंक की किस शाखा को कितना पैसा भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से मिल रहा है. इसकी जानकारी लोगों को दी जानी चाहिए.



मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता जब परेशान होती है तो उसका जवाब भी देती है. नोटबंदी करने वालों को जनता चुनाव में जरूर सबक सिखाएगी. अखिलेश ने कार्यक्रम के दौरान शहीदों के परिवारों को सहायता राशि प्रदान की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि समाजवादियों की सरकार ने सभी वर्गो और समुदायों के लोगों की मदद की है. इस सरकार ने लोगों के लिए जितना काम किया है, उतना किसी सरकार ने नहीं किया.


समाजवादी पेंशन का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की तरफ से 55 लाख परिवारों को पेंशन दी जा रही है. किसी भी राज्य में इतनी बड़ी संख्या में पेंशन का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है.


उन्होंने कहा, "सरकार ने जितना काम किया है, उसके आधार पर हम दावे के साथ कह सकते हैं कि यूपी में विधानसभा चुनाव में जनता समाजवादी पार्टी का साथ देगी और एक बार फिर पूर्ण बहुमत से हमारी सरकार बनेगी."


नोटबंदी होगा चुनावी मुद्दा: अखिलेश


नकदी रहित अर्थव्यवस्था को ‘अच्छे दिन’ से बडा सपना करार देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि नोटबंदी राज्य के अगले विधानसभा चुनाव में मुद्दा होगा. अखिलेश ने नोटबंदी के बाद बैंकों की कतार में खडे रहने के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के 14 परिवारों तथा शहीदों के परिजनों को चेक सौंपते हुए कहा कि नकदी रहित अर्थव्यवस्था अच्छे दिन से बडा सपना है. ये हालांकि सरकार को देखना है कि ये सपना कैसे पूरा होगा.


उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने बैंकों और एटीएम की कतारों में लगने के दौरान जान गंवाने वालों के परिजनों को मुआवजे का ऐलान किया है. मुआवजे की राशि दो लाख रूपये है.



ऑनलाइन लेनदेन के जोखिम गिनाते हुए अखिलेश ने कहा कि एक व्यक्ति को किसी अन्य के खाते से धोखाधडी कर धन निकालने के लिए गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ के दौरान उसने बताया कि वह नौसिखिया था इसलिए पकडा गया.


उन्होंने कहा कि साइबर अपराध का उस्ताद कभी नहीं पकडा जा सकता. चुनाव का मुद्दा क्या होगा, इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास, सडक, पानी आदि चुनावी मुददे होंगे और नोटबंदी भी चुनावी मुद्दा होगा.


गठबंधन के सवाल पर यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि फैसला एसपी मुखिया मुलायम सिंह यादव करेंगे. साथ ही दोहराया कि यदि गठबंधन होता है तो एसपी 300 से अधिक सीटें जीतेगी.


नोटबंदी वाले नहीं कर सकेंगे साइकिल का मुकाबला: अखिलेश


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि ‘अच्छे दिन’ लाने का वायदा करने वाले लोग अपने ढाई साल के कार्यकाल में कितने अच्छे दिन लाए हैं, जिसे जनता बैंकों और एटीएम की लाइन में लगकर अच्छी तरह देख रही है. इससे उपजा जनाक्रोश यह जाहिर कर रहा है कि नोटबंदी करने वाले लोग आगामी विधानसभा चुनाव में ‘साइकिल’ का मुकाबला नहीं कर पाएंगे.


अखिलेश ने जिले के मलावन क्षेत्र में जवाहरपुर तापीय परियोजना के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित जनसभा में कहा कि सीमापार सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले लोग वहां असफल हुए तो बहाना बनाकर पांच सौ और हजार के नोटों का चलन बंद कर दिया. उन्होंने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ असफल अभियान करार देते हुए प्रधानमंत्री की ‘कैशलैस सोसाइटी’ की अपील पर तंज करते हुए पूछा कि अच्छे दिन वाले लोग दो वर्ष में जनता को अच्छे दिन ही नहीं समझा पाए तो कैशलैस स्कीम को कैसे समझाएंगे.



उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की इस योजना से सर्वाधिक नुकसान मजदूरों का ही हुआ है. कभी कोई अमीर आदमी लाइन में नहीं लगा. प्रधानमंत्री की नोटबंदी ने सबको उलझाकर रख दिया है. जनता से अपील है कि जैसे इन्होंने (बीजेपी) सबको लाइन में लगा रखा है, वैसे ही विधानसभा चुनाव की लाइन में लगकर, इन्हें भी ‘लाइन’ से लगा दें. नोटबंदी से पैदा हुआ आक्रोश यह बता रहा है कि चुनाव में नोटबंदी करने वाले लोग साइकिल (एसपी का चुनाव निशान) का मुकाबला नहीं कर पाएंगे.


अपने भाषण के दौरान अखिलेश कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के भूकम्प लाने वाले बयान और उस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिक्रिया पर चुटकी लेते दिखे. उन्होंने कहा कि बिना भूकम्प के तबाही की चिंता किये दो राष्ट्रीय पार्टिया भूकम्प की बातें कर रही हैं. जनता इन नेताओं की भूकम्पी बातों से होशियार रहे.


हालांकि, अखिलेश ने इसकी आड़ में पार्टी में अपने विरोधी शिवपाल यादव गुट पर तंज करते हुए कहा कि वह अपने कार्यकर्ताओं से कहना चाहते हैं कि वे पार्टी में भूकम्प ना लाएं. जैसे चल रहा है, वैसे चलने दें और जो चल रहा है, ठीक चल रहा है.


अखिलेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नोटबंदी के जरिये भ्रष्टाचार समाप्त करने, कालाधन खत्म करने तथा आतंकवादियों को आर्थिक ताकत मिलना बंद होने की बात करते हैं. अब वह बताएं कि भ्रष्टाचार कितना रूका? कितना कालाधन बाहर आया? आतंकवादियों को धन मिलना किस हद तक बंद हुआ? इससे बैंकों को भी भ्रष्टाचार करने का मौका मिल गया. मुख्यमंत्री जिस समय भाषण दे रहे थे, तभी शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष अवधेश यादव ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सुरक्षा घेरा तोड़ वीआईपी गैलरी से उन्हें बैनर दिखाया. मौके पर मौजूद अपर पुलिस अधीक्षक सतीश चंद्र पाल व विसर्जन सिंह यादव ने ना सिर्फ उसे फौरन बाहर निकाला बल्कि उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश दिये.


अखिलेश ने कार्यक्रम के दौरान 51 हजार करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने 660 मेगावाट की जवाहरपुर तापीय परियोजना के अलावा 660 मेगावाट की दो ओबरा परियोजना इकाइयों, 660 मेगावाट की हरदुआगंज विस्तार योजना तथा कई उपकेन्द्रों के शिलान्यास और अनपरा की 500 मेगावाट की दो परियोजनाओं, ललितपुर और इलाहाबाद की 660-660 मेगावाट की तीन परियोजनाओं सहित कई पारेषण लाइन तथा उपकेन्द्रों का भी लोकार्पण किया.



अखिलेश ने सौ से अधिक विधायकों से की भेंट


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर पार्टी के सौ से अधिक पहली बार चुने गये विधायको से भेंट की और उनसे उनके क्षेत्रों में पार्टी के बारे मे जमीनी जानकारी लेते हुए सरकार के विकास कार्यो को प्रचारित करने के निर्देश दिये.


मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद पार्टी की एक विधायक रूचिवीरा ने बताया ’’मुख्यमंत्री ने हमसे जमीनी स्थिति के बारे में जानकारी ली और सरकार के विभिन्न विकास परियोजनाओं और कार्यक्रमों को आम आदमी के बीच जोरशोर से प्रचारित करने के निर्देश दिये.’’


उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने सरकार और पार्टी से जनता की अपेक्षाओं की भी जानकारी ली ताकि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी घोषणापत्र तैयार करने में उसका उपयोग किया जा सके.


यह अलग बात है कि मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले विधायकों ने कहा कि इन मुलाकातों के पीछे कोई ’’राजनीतिक’’ मंशा नहीं थी और अखिलेश ने केवल जमीनी स्थिति जाननी चाही मगर इस कवायद को विधायको का मूड भांपने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा सकता है, क्योंकि इस समय पार्टी में चुनाव के टिकट बांटने का काम चल रहा है.


पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की हैसियत से मुख्यमंत्री अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव उम्मीदवारों की सूची जारी कर रहे है मगर अयोध्या जैसी कुछ सीटों पर टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है. अयोध्या से मौजूदा विधायक तेज नारायण उर्फ पवन पांडेय को शिवपाल ने पार्टी से निष्कासित कर दिया है, इसके बावजूद मुख्यमंत्री अखिलेश ने उन्हे अपने मंत्रिपरिषद में शामिल रखा है.