मानसून की रफ्तार बरकरार: सीएम योगी ने किया बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा
मुख्यमंत्री ने लखीमपुर खीरी के बाढ़ और कटान प्रभावित इलाकों का दौरा किया और अधिकारियों को राहत सम्बन्धी निर्देश दिए. बता दें कि मौसम विभाग ने राजधानी लखनऊ और राज्य के अधिकांश जिलों में तेज बारिश होने की संभावना जताई है.
गोंडा: उत्तर प्रदेश में मानसून की सक्रियता बरकरार है और पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के अनेक हिस्सों में बारिश हुई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी और गोंडा के बाढ़ प्रभावित इलाकों का एरियल सर्वे कर स्थिति का जायजा लिया.
मुख्यमंत्री ने लखीमपुर खीरी के बाढ़ और कटान प्रभावित इलाकों का दौरा किया और अधिकारियों को राहत सम्बन्धी निर्देश दिए. बता दें कि मौसम विभाग ने राजधानी लखनऊ और राज्य के अधिकांश जिलों में तेज बारिश होने की संभावना जताई है. विभाग के अनुसार, अगले दो-तीन दिनों तक मौसम का यही रुख बरकरार रहने की संभावना है.
बता दें कि गोंडा में घाघरा और सरयू ने अपना कहर ढा रही है. कुछ दिन पहले घाघरा नदी पर बने एल्गिन चरसड़ी तटबंध में मरम्मत कार्य ना होने और उस पर बने अस्थाई रिंग बांध में कटान हो जाने के कारण कर्नलगंज तहसील के कई गांव बाढ़ की जद में आ गए हैं. वहीं तरबगंज तहसील के कई गांव बांध ना होने के कारण प्रभावित हुए हैं.
Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath conducts aerial survey of the flood-affected areas in Lakhimpur Kheri district pic.twitter.com/BYZo8WEya0
— ANI UP (@ANINewsUP) August 24, 2018
हजारों लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. सैकड़ों लोगों ने पलायन कर ऊंचे स्थानों पर अपना घर बना लिया है. बाढ़ का कहर झेल रहे लोगों के दृश्य दिल दहला देने वाले हैं, जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि हम बचाव और राहत कार्य में जुटे हुए हैं और हर आदमी तक बचाव और राहत कार्य पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं.
चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. घर में पानी, दुकान में पानी, रोड पर पानी, सब तरफ पानी ही पानी है. किसी समुद्र तट जैसा लगने वाला ये नजारा एक गांव है, जहां पर लोग रहते थे और कुछ लोग अभी भी रह रहे हैं. कुछ मचान बनाकर, कुछ घरों की छतों पर और कुछ तखत को ऊंचा रखकर उस पर अपनी जिंदगी काटने को मजबूर हैं.
गोंडा के कुल 9 गांवों के 10000 लोग प्रभावित हैं. इनके बचाव और राहत कार्य के लिए जिला प्रशासन में बाढ़ चौकी एक्टिवेट की है. जिला प्रशासन के अनुसार लोगों के आवागमन के लिए नावें लगाई गई हैं और लोगों में राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है.