लखऩऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के नए शैक्षणिक भवन का लोकार्पण किया. शनिवार को राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के 363 करोड़ के 14 मंजिला इस नए शैक्षणिक भवन का उद्घाटन किया. इस नए भवन में 40 एकेडमिक विभाग, 240 फैकल्टी चेंबर, 48 सेमिनार रूम, 4 लेक्चर थिएटर बनाए गए है.


उद्घाटन समारोह में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा पहले स्वास्थ्य सेवाओ में केजीएमयू का नाम आता था उसके बाद एसजीपीजीआई का नाम आने लगा. आज दोनों संस्थानों के साथ लोहिया संस्थान भी प्रतिस्पर्धा के साथ आगे बढ़ रहे हैं.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1947 से 2016 तक यूपी में केवल 12 मेडिकल कॉलेज ही खुले. 2016 से 2019 के बीच हम 15 नए मेडिकल कॉलेज बना रहे जिसमे 7 में प्रवेश लेकर पढ़ाई भी शुरू हो गई. 2022 में हम 14 और मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई शुरू करने वाले है.


मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की वजह बताते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने एनएचएम के तहत 2 लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस देना चाहती थी, लेकिन तत्कालीन सरकार ने नहीं लिया. हमारी सरकार ने इसको अनुमोदित किया और 150 लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस ली. आज कुल 250 लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस है. बड़े जिलों में 4 और छोटे जिलों में 3 एम्बुलेन्स दी गई है.


डॉक्टरों को दी मरीज से बेहतर व्यवहार करने की नसीहत
योगी ने कहा कि मोबाइल मेडिकल वैन अब 53 जिलों में सेवा दे रही है. पहले मरीज अस्पताल तक जाते थे. अब मोबाइल मेडिकल वैन मरीजों के पास खुद जा रही है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों को मरीज और उसके परिजनों से बेहतर व्यवहार करने की नसीहत भी दी. मुख्यमंत्री ने कहा इलाज के लिए अस्पताल आने वाला व्यक्ति बहुत मुसीबतों और मुश्किलों को पार कर अस्पताल तक जिंदगी बचाने के लिए पहुंचता है. ऐसे में अगर उसके व्यवहार में थोड़ी तल्खी है तो डॉक्टरों को अपने व्यवहार से उस तल्खी को खत्म करना चाहिए. डॉक्टर अपने व्यवहार से मरीज का दिल जीते तो इलाज भी बेहतर होगा और डॉक्टर संस्थान की छवि भी बेहतर होगी. डॉक्टर मरीज और उसके तीमारदार के साथ मारपीट करता है तो उसको बद्दुआ मिलती है.


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