लखनऊ: देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां हरिद्वार की गंगा नदी में प्रवाहित की जाएंगी. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे. योगी पहले उन्हें देखने अस्पताल गए थे और फिर निधन के बाद श्रद्धासुमन अर्पित करने भी पहुंचे थे.


उन्होंने एबीपी न्यूज़ के साथ खास बातचीत में अटल को पितातुल्य करार दिया था. उन्होंने अटल बिहारी के निधन को अपनी व्यक्तिगत क्षति बताया और कहा," भारत की राजनीति में मूल्यों और आदर्शों को प्राथमिकता देने वाले, स्वतंत्र भारत के ढांचागत विकास के दूरदृष्टा, भारतीय राजनीति के शलाका पुरुष पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का निधन भारत की राजनीति के महायुग का अवसान है."

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे लोकप्रिय और सर्वमान्य नेता थे, जिनका सभी सम्मान करते थे. भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में अटल जैसा विराट व्यक्तित्व मिलना कठिन है. उनका 6 दशक का निष्कलंक राजनैतिक जीवन हमेशा याद किया जाएगा. अटल ने राजनीति को मूल्यों और सिद्धांतों से जोड़कर देश में सुशासन की आधारशिला रखी थी.

योगी सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियों को यूपी की कई नदियों में प्रवाहित करने का फ़ैसला किया है. इस फ़ैसले को लागू करने के लिए छुट्टी के बावजूद बैठक हुई. अलग अलग जिलों के लिए अलग-अलग नदियों के नाम तय किए गए हैं.

ये भी फ़ैसला हुआ कि अटल जी से जुड़े जगहों को स्मारक बनाया जाए. उनका जन्म आगरा के बटेश्वर में हुआ था. वे पहली बार 1957 में यूपी के बलरामपुर से सांसद बने थे. लखनऊ का एमपी रहते हुए अटल जी देश का प्रधान मंत्री बने थे.

पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां यूपी के सभी 75 जिलों में भेजी जायेंगी. जहां उसे वहां की नदी में विसर्जित किए जाने का फ़ैसला हुआ है. उत्तर प्रदेश सरकार ने वाजपेयी के निधन पर सात दिन के राजकीय शोक की भी घोषणा की है.