लखनऊ: पिछले पांच दिनों से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बदले-बदले से नज़र आ रहे हैं. अफसर से लेकर नेता और मंत्री सब परेशान हैं. किसी की समझ में कुछ नहीं आ रहा है. मुख्यमंत्री के सचिवों और क़रीबी लोगों का भी दिमाग काम नहीं कर रहा है. आख़िर योगी आदित्यनाथ को क्या हो गया है. इस सवाल का जवाब सब अपने अपने हिसाब से खोज रहे हैं.


पहले उन्होंने पुलिस अफ़सरों की फिर आईएएस अधिकारियों की क्लास लगाई. फिर मंगलवार को अपने राज्य मंत्रियों को बुलाया और सुधर जाने की चेतावनी दे दी. कैबिनेट मंत्रियों को भी काम में मन लगने को कह दिया. योगी ने अफ़सरों से लेकर मंत्रियों से कहा कि “ मैं सब जानता हूं, आप क्या करते हैं और मुझे आपके एक-एक चीज़ के बारे में पता है”. विधानसभा चुनाव प्रचार से फ़ुरसत मिलते ही योगी अपनी क्लास शुरू कर देते हैं. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद से पहली बार योगी इस फ़ार्म में हैं. सब हैरान परेशान हैं. आख़िर बात क्या है. कहते हैं कि वाराणसी में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात के बाद ही योगी के तेवर बदले हुए हैं.


योगी आदित्यनाथ बीजेपी के स्टार प्रचारक हैं. लेकिन मंगलवार को वो कहीं भी नहीं गए. मध्य प्रदेश रवाना होने से पहले वे दिन भर लखनऊ में मीटिंग करते रहे. योगी ने शुरूआत राज्य मंत्रियों के बैठक के साथ की. यूपी में कुछ कैबिनेट मंत्रियों का अपने राज्य मंत्रियों से झगड़ा चल रहा है. इसके कारण विभाग का काम काज ठीक से नहीं हो पाता है. मंत्रियों के झगड़े की बात दिल्ली तक जा पहुंची है. राज्य मंत्रियों को सीएम ने ऑफ़िस से बाहर निकल कर फ़ील्ड में काम करने को कहा. योगी ने उन्हें झगड़ा करने के बदले सरकार के अच्छे काम काज का प्रचार प्रसार करने को कहा है. एक मंत्री को खरी खोटा सुनाते हुए योगी ने कहा, “आप जब भी चिट्ठी लिखते हैं तो ट्रांसफ़र पोस्टिंग को लेकर, कभी विकास के काम पर भी ध्यान दिया करें”. उनका इतना कहते ही सभी मंत्री एक दूसरे का चेहरा देखने लगे. योगी ने बिना नाम लिए एक राज्य मंत्री का कच्चा चिट्ठा खोल दिया. उन्होंने बताया कि उनके पास एक मंत्री के फ़ोन पर बातचीत की रिकोर्डिंग है. इसमें वे एक ग़लत काम की पैरवी कर रहे हैं. ऐसी शिकायत दोबारा आने पर योगी ने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है.


योगी की मंत्रियों को नसीहत- कोई ये न समझे कि वे अपनी मनमर्ज़ी काम करते रहेंगे


योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों को बेवजह बयानबाज़ी से बचने को कहा है. ऐसे ही एक मामले का ज़िक्र उन्होंने इस दौरान किया. ये बयान विवेक तिवारी हत्याकांड में दिया गया था. मंत्री ने कहा था कि कोई रात को निकलेगा तो गोली तो लगेगी ही. योगी ने कहा कि पुलिस इतनी निरंकुश नहीं है. ऐसी बातों से सरकार की किरकिरी होती है. सीएम ने कई कैबिनेट मंत्रियों से अलग-अलग बात की. उन्हें बेहतर काम करने को कहा. ऐसे ही एक मंत्री की एक फ़ाइल समाने रख कर योगी ने पूछा - ऐसे काम होता है ? यूपी के सीएम ने अपने मंत्रियों को कहा कि कोई ये न समझे कि वे अपनी मनमर्ज़ी काम करते रहेंगे. योगी ने बताया कि एक एक पर उनकी नज़र है. योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों को फ़ोन पर ज़रूरी बात ही करने को कहा. उन्होंने बताया कि कई लोग फ़ोन रिकार्ड कर लेते हैं. इसीलिए मंत्रियों को सावधान रहना चाहिए.


योगी आदित्यनाथ के कड़े तेवर देख छूटने लगे अफ़सरों के पसीने
18 नवंबर की बैठक में योगी आदित्यनाथ के कड़े तेवर देख कर अफ़सरों के पसीने छूटने लगे थे. राज्य के सभी जिलों के डीएम और एसपी को मीटिंग में बुलाई गई थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्ट पुलिस वालों को कई जगहों पर थानेदार बनाया गया है. उन्होंने एक घटना का हवाला देते हुए बताया कि कुछ पुलिस अधिकारियों की बड़े अपराधियों के साथ सांठगांठ है. ऐसे अफ़सर एक गैंग से मिल कर दूसरे गैंग के बदमाशों का एनकांउटर कर देते हैं.


धुंआधार प्रचार के बाद लखनऊ में योगी कर रहे हैं ताबड़तोड़ बैठकें
योगी ने कहा कि अगर ऐसी शिकायत सही हुई तो फिर उसे कोई नहीं बचा सकता है. दिल्ली से सटे एक जिले के एसएसपी को सीएम ने ख़ूब फटकार लगाई. 5 मिनट तक योगी उस आईपीएस अधिकारी को खरी खोटा सुनाते रहे. धान ख़रीद को लेकर हो रही बैठक में बस्ती जिले के डीएम नहीं पहुंचे थे. योगी ने पूछा तो बताया गया कि वे चुनाव आयोग की मीटिंग में हैं. फिर कमिश्नर के बारे में पूछने पर पता चला कि वे घर पर है. सीएम ने तुरंत कमिश्नर अनिल सागर के हटाने को कहा. लेकिन सीएम को बताया गया कि कमिश्नर ने चीफ़ सेक्रेटरी से छुट्टी ले रखी थी. ऐसी ही एक मीटिंग में योगी ने ऑटो वालों से घूस लेने के आरोप में ट्रैफ़िक के एक डीएसपी को हटाने के आदेश दिये. विधानसभा चुनाव में धुंआधार प्रचार के बाद वे हर शाम लखनऊ लौट आते हैं. फिर वे देर रात तक बैठकें करते हैं.


सिस्टम को ठोंक-पीट कर दुरुस्त कर लेना चाहते हैं योगी


लंबे समय बाद योगी आदित्यनाथ ने निरीक्षण का सिलसिला शुरू किया है. वाराणसी से लौटते ही उन्होंने लखनऊ में पुलिस लाइन का दौरा किया. साफ़ सफ़ाई में गड़बड़ी पर पुलिस अफ़सरों की क्लास लगाई. यूपी के सीएम ने उसी दिन दोपहर बाद कानपुर जाकर धान ख़रीद केन्द्रों का दौरा किया. अगले लोकसभा चुनाव से पहले योगी सरकार के सिस्टम को ठोंक पीट कर दुरुस्त कर लेना चाहते हैं.


मोदी सरकार के साथ-साथ योगी सरकार की भी अग्नि परीक्षा
आरोप लगते रहे हैं कि उनके राज में अफ़सरों और पुलिसवालों की मनमानी बढ़ गई है. आरएसएस के कुछ बड़े नेताओं की भी यही राय है. इसीलिए योगी ने शुरूआत अधिकारियों की क्लास से की है. ख़बर है कि केन्द्रीय ख़ुफ़िया एजेंसी आईबी से मिल रहे फ़ीडबैक पर अब उन्होंने ध्यान देना शुरू कर दिया है. योगी सबको ऑफ़िस से निकल कर फ़ील्ड में काम करने की नसीहत दे रहे हैं. वे जानते हैं कि अगले लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार के साथ-साथ उनकी भी अग्नि परीक्षा होगी.