लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देगी लेकिन किसानों को भी व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए विकास कार्यों में सहयोग करना चाहिए.


विकास कार्यों में सहयोग प्रदान करने की अपील


योगी ने ‘ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे’ से प्रभावित किसानों के एक प्रतिनिधिमण्डल से वार्ता के दौरान कहा, 'किसानों के हितों की अनदेखी किसी भी दशा में नहीं होनी चाहिए. जिला प्रशासन और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) किसानों को कानून के अनुसार ही मुआवजा सहित सभी सहूलियत उपलब्ध कराएं.' उन्होंने किसानों से भी व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए विकास कार्यों में सहयोग प्रदान करने की अपील की.


मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास का लाभ पूरे क्षेत्र को मिलता है. इससे नये अवसर पैदा होते हैं, जिसका फायदा भावी पीढ़ी को मिलता है. इसके लिए विकास कार्यों का समयबद्घ ढंग से पूरा किया जाना जरूरी है. विकास परियोजनाओं को पूरा करने में देर होने से उनकी लागत बढ़ती है, जिसका नकारात्मक असर पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है.


जीवनयापन की वैकल्पिक व्यवस्था


बैठक में किसानों ने मुख्यमंत्री से 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार मुआवजा देने, रोजगार तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने, एक्सप्रेस-वे के साथ सर्विस लेन बनाए जाने, एक्सप्रेस-वे पर स्थानीय लोगों के लिए टोल फ्री आवागमन मुहैया कराने का अनुरोध किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिनियम में किसानों को ज्यादा मुआवजा देने की व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि उनका किसी प्रकार नुकसान न हो और वे जीवनयापन की वैकल्पिक व्यवस्था कर सकें.


किसानों की अपने गांव और खेतों में आसान आवागमन एवं स्थानीय लोगों के लिए एक्सप्रेस-वे को टोल फ्री रखने की मांग का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि यदि किसानों के लिए अपने खेतों और आसपास के गांवों तक आसानी से आने-जाने की सुविधा देने में कठिनाई आ रही है तो सर्विस लेन का प्रावधान किया जाना चाहिए. योगी ने कहा, 'संवाद से ही रास्ता निकलता है. किसानों से उनकी पुश्तैनी जमीन ली जा रही है तो उनसे सीधे बात होनी चाहिए.'


यूपी के सरकारी स्कूलों में योग होगा पाठयक्रम का हिस्सा

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार योग को स्कूली पाठयक्रम में शामिल करने जा रही है. उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने यहां संवाददाताओं को बताया कि सरकार का मानना है कि योग को शिक्षा का अनिवार्य हिस्सा बनाकर पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए.

शर्मा ने कहा, 'लोग संशय पैदा करने की कोशिश करते हैं लेकिन योग ना तो हिन्दुओं का है, ना मुसलमानों, सिखों या ईसाइयों का है..अगर स्कूली बच्चे योग करते हैं तो इसमें गलत क्या है..योग के स्वास्थ्य लाभ को देखते हुए सभी को इसे करना चाहिए.' योगी ने हाल ही में कहा था कि योग को शिक्षा से संबद्ध किया जाएगा और प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में इसे अनिवार्य किया जाएगा.

उन्होंने कहा, 'मैंने योग को जन्म नहीं दिया. यह सारी दुनिया में प्रचलित है और जन कल्याण के लिए हमारे संतों द्वारा प्रदत्त परंपरा है. स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन के लिए यह संतों से मिला है.'