लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देशवासियों से इलाहाबाद में अगले साल आयोजित होने जा रहे कुंभ मेले में अधिक से अधिक संख्या में आने की अपील की है. उन्होंने कहा कि आगामी कुंभ मेला ऐतिहासिक और बेहद विशेष होने वाला है. पहली बार श्रद्धालु ना सिर्फ गंगा, यमुना संगम में स्नान कर सकेंगे, बल्कि वे अदृश्य सरस्वती नदी को भी महसूस कर पायेंगे. इलाहाबाद में कुंभ मेला 15 जनवरी 2019 से शुरू होने वाला है.


योगी ने कहा, ‘‘हमलोग प्रयाग किले का द्वार खोलने के प्रयास कर रहे हैं जहां सरस्वती विद्यमान हैं और इस उद्देश्य के लिये हमलोग भारत सरकार एवं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के साथ बातचीत कर रहे हैं.’’


बता दें कि कुंभ की ब्रांडिंग के लिए सरकार लगभग दो दर्जन भाषाओं में कुंभ का साहित्य तैयार करवा रही है. इसके अलावा, कुंभ की ब्रांडिंग के लिए सरकार की तरफ से लगभग पांच करोड़ रुपए राज्य पर्यटन विभाग खर्च करेगा. इस बजट को सरकार की मंजूरी मिल गई है और इसमें से लगभग तीन करोड़ रुपए की पहली किस्त भी जारी कर दी गई है.


कुंभ के 18 पार्किंग स्थलों पर सैटेलाइट टाउन स्थापित किए जाएंगे जहां लोगों को क्लाक रूम, वेंडिंग जोन, चिकित्सा सुविधाएं, बिजली और प्रकाश व्यवस्था, पेयजल और शौचालय, एलईडी स्क्रीन एवं वाच टावर आदि सुविधाएं उपलब्ध होंगी. सिंह ने बताया कि इस कुंभ में पहली बार अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया जा रहा है जिससे कुंभ मेला क्षेत्र और शहरी क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने में बहुत मदद मिलेगी. मेला क्षेत्र और शहर के प्रमुख स्थानों पर 1,017 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.


कुंभ में श्रद्धालुओं के लिए चलेंगी शटल बसें


उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने कुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मुफ्त शटल बस चलाने का फैसला किया है. कुंभ स्थल से लगभग 20 किलोमीटर के दायरे में ठहरने वाले तीर्थयात्रियों को शटल बस के जरिए संगम तट तक पहुंचाया जाएगा. परिवहन निगम ने श्रद्धालुओं को मुफ्त बस सुविधा दिए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है.


इलाहाबाद में कुंभ मेला अगले वर्ष 15 जनवरी से शुरू होने जा रहा है. परिवहन निगम सात जगहों पर अस्थायी बसअड्डे बनाने की योजना तैयार कर रहा है. इनमें झूंसी, केपी कॉलेज, फाफामऊ, संत निरंकारी कैंपस अंडावा, विल दुर्जनपुर सासो रोड, ओमेक्स सिटी, अरैल और ऑफिसर्स कैम्प परेड ग्राउंड शामिल हैं. इन जगहों से परिवहन निगम में शामिल होने वाली नई बसों को शटल बस सेवा के रूप में चलाया जाएगा. 650 साधारण, 250 सीएनजी व 100 नई एसी बसें शामिल की जाएंगी.