लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चल रही विकास परियोजनाओं को तेजी से पूरा कराने के निर्देश दिए हैं.
जमीन पर दिखायी पड़ना चाहिए विकास परियोजनाओं का काम
योगी ने काशी को दुनिया की प्राचीनतम, सांस्कृतिक और शैक्षणिक नगरी बताते हुए कहा कि वह खुद मई में वाराणसी का भ्रमण करेंगे. ‘‘वाराणसी और इसके आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए भारत सरकार ने जिस पैमाने पर धनराशि उपलब्ध करायी है, उस हिसाब से यहां के कार्य दिखायी नहीं पड़ रहे हैं.’’ उन्होंने अधिकारियों को आगाह किया कि अगले तीन माह में विकास परियोजनाओं का काम जमीन पर दिखायी पड़ना चाहिए.
मुख्यमंत्री आज लखनऊ के शास्त्री भवन में वाराणसी से सम्बन्धित नगर विकास, ऊर्जा, पर्यटन, लोक निर्माण, आवास और शहरी नियोजन, सिंचाई विभाग, वाराणसी विकास प्राधिकरण और एनएचएआई से सम्बन्धित परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे.
मुआवजा वितरित कराने के सख्त निर्देश
उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की परियोजनाओं के समक्ष आ रही कठिनाइयों पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए स्थानीय प्रशासन को पूरा सहयोग प्रदान करने के निर्देश दिए हैं. जिन आठ जिलों में एनएचएआई द्वारा वाराणसी को जोड़ते हुए सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है, वहां किसानों को भूमि का भुगतान करने में विलम्ब को गम्भीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से नोडल अधिकारी नामित करते हुए 15 दिनों में किसानों को उनका मुआवजा वितरित कराने के सख्त निर्देश दिए हैं.
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री ने वाराणसी रिंग रोड के निर्माण में बाधा उत्पन्न करने वालों से वार्ता कर समस्या सुलझाने के निर्देश दिए. साथ ही हिदायत दी कि यदि कोई इन परियोजनाओं को अनावश्यक विलम्बित करने का कारण बन रहा है तो उसके साथ कठोरता से पेश आएं.