लखनऊ: कानून व्यवस्था के मुददे पर विधानसभा बाधित करने को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और कहा कि मुट्ठी भर लोग विधानसभा को बंधक बना रहे हैं, जो लोकतंत्र के लिए ‘शुभ संकेत’ नहीं है.
उन्होंने कहा कि 'अपराध दर पिछली सरकार के शासनकाल की तुलना में कम है. पिछली सरकार में हत्या और बलात्कार जैसे मामलो में भी प्राथमिकी नहीं होती थी, सुप्रीम कोर्ट को आदेश देने पड़ते थे. कोर्ट को बार-बार हस्तक्षेप करना पड़ता था. हमारी सरकार में सामान्य से लेकर बड़ी से बड़ी घटना तक सभी मामलों की प्राथमिकी दर्ज करने के स्पष्ट आदेश हैं. '
उन्होंने कहा कि सभी ने राज्य की प्रशंसा की है और इसका प्रत्यक्ष प्रमाण निवेशक सम्मेलन है. सम्मेलन में चार लाख 68 हजार करोड. रुपये का प्रस्ताव निवेश आया.
योगी ने समाजवादी पार्टी, कांग्रेस द्वारा कानून व्यवस्था के मुददे पर विधानसभा की कार्यवाही में बाधा डालने की आलोचना की. उन्होंने कहा कि विधानसभा को सार्थक चर्चा का मंच बनना चाहिये. लेकिन विपक्ष खासतौर से एसपी और कांग्रेस के नकारात्मक रवैये के कारण विधानसभा को इस सार्थक चर्चा से वंचित होना पड़ रहा है.
योगी ने कहा, ‘‘ उत्तर प्रदेश विधानसभा में 403 विधायक चुनकर आए हैं, लेकिन मुट्ठी भर लोग विधानसभा को बंधक बनाकर अन्य सदस्यों के हकों को मारने का प्रयास कर रहे हैं. यह लोकतंत्र के लिए बहुत शुभ लक्षण नहीं है.'
उन्होंने कहा कि देवरिया घटना का मुददा आज समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने उठाया है.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 'देवरिया प्रकरण में जो भी दोषी था हमारी सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है. इस प्रकरण की सीबीआई जांच की सिफारिश भी हमारी सरकार ने की है. जब तक सीबीआई इस मामले को अपने हाथ में लेती है तब तक इस पूरे मामले को उप्र के एडीजी क्राइम के नेतृत्व में एसपी स्तर की दो महिला पुलिस अधिकारी (तीन सदस्यीय टीम) इस पूरे मामले की जांच कर रही है.
हाई कोर्ट इस मामले की निगरानी कर रहा है.' उन्होंने दावा किया कि विपक्ष अपने नाकारेपन को छुपाने और अपनी हास्यास्पद स्थिति को जनता के सामने उजागर होने से रोकने के लिए ऐसे मुददों को उठाने का प्रयास कर रहा है जो कोर्ट में विचाराधीन है.