गोरखपुर: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को बच्चों से कितना लगाव है, ये जग जाहिर है. सांसद रहते हुए भी वे गांव के बच्चों को टाफियां और बिस्कुट भी बांटते रहे हैं. गोरखपुर के पिपराइच में चीनी मिल के निरीक्षण के दौरान जैसे ही उनका चॉपर नीचे उतरा, गांव के बच्चों ने उन्हें घेर लिया और उन्होंने चॉपर में बैठने की इच्छा जताई. सीएम योगी ने भी उन्हें निराश नहीं किया. चॉपर में बैठते ही बच्चों के चेहरे खिल गए. उन्होंने सीएम को थैंक्यू कहकर खुशी जाहिर की.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को निर्माणाधीन पिपराइच चीनी मिल का निरीक्षण करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि देश की सबसे आधुनिक तकनीक पर आधारित चीनी मिल पिपराइच में लग रही है. हमारा प्रयास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 24 फरवरी के कार्यक्रम में इस मिल के उद्घाटन की औपचारिक घोषणा हो जाय.



₹ 385 करोड़ की लागत से बन रही इस मिल में मध्य मार्च के बाद इस चीनी मिल में पेराई का काम शुरू हो जाएगा. चीनी मिल में 50 हजार कुंतल गन्ना प्रतिदिन पेराई होगी. इसे विस्तारित कर बाद में 75 हजार कुंतल प्रतिदिन गन्ना पेराई का काम किया जाएगा. जो चीनी यहां से बनेगी, वह फाइन शुगर होगी. उसमें सल्फर और किसी प्रकार का कोई केमिकल नहीं होगा. देश और विदेशों में इस चीनी की बहुत मांग होती है. इसमें इस प्रकार की चीनी बने ऐसा हमारा प्रयास है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी का इस समय काफी कम दाम है.


चीनी की अगर आवश्यकता नहीं है, तो हम लोग इस शुगर मिल में एक व्यवस्था यह भी करने जा रहे हैं कि शुगर के अलावा एथेनॉल का निर्माण कर सकें. यानी किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान समय पर मिले. इसके साथ ही चीनी मिल भी घाटे में न रहे. मार्केट में चीनी की उपलब्धता के साथ ही एथेनॉल का प्लांट यहां पर लगाया जा रहा है. साथ ही 27 मेगावाट बिजली की पैदावार भी सुनिश्चित करने की व्यवस्था की जा रही है.


ये आधुनिकतम चीनी मिल है. इस चीनी मिल के स्थापित होने के बाद ये चीनी मिल लगभग 500 से अधिक लोगों को सीधे नौकरी, 5 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देगी. 40,000 किसान सीधे-सीधे चीनी मिल से लाभान्वित होंगे. शुगर मिल की जो सबसे बड़ी चीज आप देखते रहे होंगे शुगर मिल हमेशा उसके आसपास के क्षेत्र में हमेशा बदबू बनी रहती है.


हमने ऐसी व्यवस्था की है कि इसमें जीरो लिक्विड डिस्चार्ज की व्यवस्था रहे. इससे जल और ध्वनि के साथ किसी भी प्रकार का प्रदूषण यहां पर नहीं होगा. यह अत्यंत उपयोगी होगी. दूसरी बार में शुगर मिल का निरीक्षण करने यहां पर आया हूं. हमारा प्रयास होगा कि प्रधानमंत्री इसका औपचारिक उद्घाटन कर दें. साथ ही साथ मार्च में इसकी औपचारिक ट्रायल शुरू हो जाए.



मध्य मार्च के बाद गन्ने की पेराई शुरू हो जाए. जिससे चीनी मिल पर जो यहां आसपास के क्षेत्र में किसान हैं, उन्हें इसका लाभ मिल सके. 50 हजार कुंतल गन्ना हर दिन इस मिल की पेराई क्षमता है. गन्ना विभाग ने किसानों में जागरूकता के लिए गोष्ठी भी की थी. गोष्ठी का उद्देश्य था किसान गन्ने की विकसित प्रजाति को बोएं. जिससे उसकी पैदावार भी अच्छी और किसान को अच्छा लाभ भी मिले.


अक्सर होता क्या था कि जो रिजेक्ट प्रजाति है जब किसान उसको बोता है, तो उसका दाम भी नहीं मिल पाता है. उसकी पैदावार भी उतनी नहीं होती है. चीनी मिल में भी उसका दाम नहीं मिल पाता है. गन्ना किसानों को सीधे इसके साथ जोड़ने, उन्नत किस्म का गन्ना उत्पादन जो सके यही प्रयास है.