लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्होंने रामराज्य को शासन की सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था के रूप में इसलिए स्वीकार किया है, क्योंकि उसमें किसी के भी साथ कोई भेदभाव नहीं होता.


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योगी ने बीजेपी की सहयोगी पार्टी ‘अपना दल (सोनेलाल)‘ के संस्थापक सोनेलाल पटेल की 69वीं जयन्ती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमने रामराज्य को शासन की सबसे अच्छी व्यवस्था के रूप में क्यों स्वीकार किया. क्योंकि वहां किसी के साथ किसी भी तरह का कोई भेदभाव नहीं होता. जब भेदभाव नहीं होता है तो शासन के गरीबों, वंचितों और समाज के हर तबके को उसका हक ईमानदारी से दिया जाने लगता है. इसीलिए शासन की आदर्श व्यवस्था को हमने रामराज्य के रूप में माना है.‘‘


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उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग मोदी जी का भय दिखाकर मुसलमानों को भड़काने का काम करते थे, उसी गुजरात के मुसलमानों के मुंह से यह सच भी हम लोगों ने सुना है कि अगर वे कहीं पर सबसे सुरक्षित हैं तो गुजरात के अंदर हैं. मुझे लगता है कि यह सुशासन की सबसे पहली और बड़ी निशानी है.’’





मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी ने जब प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी तो कहा था कि हमारी सरकार देश के गांव, गरीब, महिलाओं और वंचितों समेत 125 करोड़ लोगों के हितों को ध्यान में रखकर काम करेगी. मोदी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार ने पिछले चार साल में जो कार्य कर दिखाये हैं, वे बेमिसाल हैं.


योगी ने सोनेलाल पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में सामाजिक न्याय की लड़ाई को गरीबों, दलितों, वंचितों और हर उस तबके को जिसे शासन की बुनियादी सुविधाओं के साथ समाज की मुख्य धारा से विरत करने का प्रयास हुआ, को मुख्यधारा से जोड़कर उनके जीवनस्तर को उठाने का कार्य हुआ है. वास्तव में यही सोनेलाल पटेल का सपना था. आज उसी सपने को साकार करने की एक नयी कार्यवाही शुरू हुई है.


उन्होंने कहा कि डाक्टर भीमराव आंबेडकर का भी यही सपना था कि गरीबों को उनका हक मिले. जाति, भेदभाव के आधार पर समाज में कोई बंटवारा ना हो. उसी लड़ाई को सोनेलाल पटेल अग्रिम पंक्ति के सेनानी के रूप में लड़े.