लखनऊ: दलितों के घर भोजन और गांव में ही रात भर ठहरने का बीजेपी नेताओं का अभियान अब ख़त्म हो गया. अब न तो नेता दलित के संग दाल रोटी खाएंगे, और न ही रात किसी दलित के यहां रूकेंगे. बीजेपी ने 14 अप्रैल से 5 मई तक ग्राम स्वराज अभियान चलाया था. अब इसका रिपोर्ट कार्ड बन रहा है. पार्टी ने इसमें क्या खोया और क्या पाया? इस पर होम वर्क शुरू हो गया है. किस नेता ने बाज़ी मारी और कौन फिसड्डी रहा, सबका ब्यौरा तैयार हो रहा है.


बीस दिनों तक बीजेपी नेताओं ने दलितों के घर आंगन के चक्कर लगाए. सीएम योगी आदित्यनाथ सहित कई नेताओं ने दलितों के यहां भोजन किया. पार्टी का दावा है कि बीजेपी 4100 दलित गांवों तक पहुंची. नेताओं ने वहीं चौपाल लगाई और रात भर रूके भी.


यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले प्रतापगढ़ में एक दलित परिवार के संग दाल रोटी खाई. दो दिनों बाद अमरोहा में उन्होंने चौपाल लगाई. इस दौरान योगी को ज़मीन पर हुए सरकारी काम काज का पता चला तो उन्होंने कुछ अफ़सरों को सस्पेंड किया तो कई का ट्रांसफ़र कर दिया. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इलाहाबाद में दलितों का दरवाज़ा खटखटाया. यहां अधिकारियों ने उनके लिए एयर कंडीशन वाला स्विस कॉटेज लगा दिया. इस बात से गुस्साए केशव ने एक इंजीनियर को निलंबित कर दिया. बीजेपी के संगठन मंत्री सुनील बंसल ने लखीमपुर में दलित के घर खाना खाया.


वहीं पार्टी के यूपी अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडे ने काशी और अयोध्या में दलित चौपाल लगाई. सबसे दिलचस्प रहा गन्ना मंत्री सुरेश राणा का दलित भोज. उन्होंने दलित के घर होटल से मंगवा कर भोजन किया. कैबिनेट मंत्री मोती सिंह ने तो भगवान राम के रोल में दलित को शबरी का घर मान कर खाना खाया और उसे धन्य कर दिया. बीजेपी के एक बड़े नेता मानते हैं कि कुछ जगहों पर पार्टी की किरकिरी हुई. लेकिन वे कहते हैं, “इसी बहाने सरकार की योजनाओं पर कितना काम हुआ, ये भी पता चला.”पार्टी के प्रवक्ता चंद्रमोहन ने बताया, “बीजेपी के नेता सैकड़ों गांव में गए, लाखों लोगों से मिले. ये बड़ी बात है.”


अब बीजेपी ऑफ़िस में एक-एक नेता की रिपोर्ट कार्ड बन रही है. पूरा लेखा-जोखा दिल्ली ऑफ़िस को भेजा जाएगा. इसके बाद कुछ नेताओं की क्लास लगेगी तो कुछ को ईनाम भी मिल सकता है. अगले महीने की शुरूआत तक योगी मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकते हैं. दलितों को जोड़ने में पार्टी कामयाब रही या नहीं ? इसकी पूरी फ़ाईल तैयार की जा रही है. लोकसभा चुनाव की तैयारी में ये जानकारी बड़ी काम की होगी.