मौर्य ने कहा कि इन्होंने गठबंधन तो नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनने से रोकने के लिए किया था और खुद प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे थे लेकिन जनता ने इन्हें सबक सिखा दिया है.
मौर्य ने कहा कि 100 में 60हमारा बाकी में बंटवारा. उन्होंने कहा कि ये एक होकर लड़ें या अलग-अलग होकर लड़े, खिलेगा तो हमारा कमल ही.
बता दें इसी साल 12 जनवरी को समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) अध्यक्ष मायावती सारे गिले शिकवे भुलाकर गठबंधन का एलान करने एक मंच पर आये तो सबसे बड़ा सवाल था कि यह गठबंधन और रिश्ता कितने दिनों तक चलेगा?
आज दोनों ही सवालों का उत्तर मिल गया है. मायावती ने खुद अगले उपचुनाव के लिए राजनीतिक गठबंधन तोड़ने की घोषणा की और कहा कि अखिलेश यादव और डिंपल यादव से रिश्ते कभी खत्म नहीं होने वाले हैं. साथ ही उन्होंने साफ-साफ शब्दों में कहा कि अगर समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अपने रुख में बदलाव नहीं लाते हैं तो गठबंधन जारी रखना मुश्किल है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एसपी-बीएसपी गठबंधन को केर-बेर का संबंध बताया था और कहा था कि इनकी एक्सपायरी डेट 23 मई को पक्की है. नतीजे आएंगे तो दोनों एक-दूसरे के कपड़े फाड़ेंगे.
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