यूपी: पिछड़ों के नेता डिप्टी सीएम मौर्य 3 दिनों से घर पर हैं, प्रचार के लिए नहीं मिला हेलिकॉप्टर
मायावती और अखिलेश यादव हर हाल में नरेन्द्र मोदी को यूपी में रोक लेना चाहते हैं. उधर राहुल गांधी भी बहन प्रियंका गांधी को लेकर राजनीति में आ गए हैं. ऐसे में बीजेपी की चुनावी नैया सिर्फ़ पिछड़ा समाज ही पार लगा सकता है.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने और पार्टी की जड़ों को मजबूत करने के लिए जहां नेता दिन रात रैली कर रहे हैं, चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. वहीं डिप्टी सीएम केशव मौर्य 3 दिनों से घर पर हैं. पार्टी से उन्हें हेलिकॉप्टर नहीं मिला. BJP के छोटे बड़े नेता चार्टर्ड प्लेन से प्रचार पर हैं. PM मोदी और मायावती-अखिलेश में असली नक़ली पिछड़े को लेकर जंग छिड़ी है, और पिछड़ों के नेता मौर्य घर बैठे हैं.
मौर्य पिछड़ों के नेता बन गए जब 2017 में यूपी में विधानसभा के चुनाव हुए तो फूलपुर से लोकसभा सांसद केशव प्रसाद मौर्य को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. चौदह सालों से बीजेपी राज्य में सत्ता से बाहर थी. चुनाव ख़त्म होते होते मौर्य पिछड़ों के नेता बन गए. वे यूपी के डिप्टी सीएम बनाए गए. इसी बात पर पूर्व मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ख़ूब चुटकी लेते हैं. वे आरोप लगाते हैं कि मौर्य को दिखाकर बीजेपी ने पिछड़ों का वोट ले लिया. लेकिन जब सरकार बनी तो उन्हें नंबर दो बना दिया. इसके जवाब में मौर्य कहते हैं ''अखिलेश हमारी चिंता न करें, वे ये बतायें उन्होंने अपने पिता को किनारे क्यों कर दिया.''
पिछड़ा समाज ही पार लगा सकता है बीजेपी की चुनावी नैया मायावती और अखिलेश यादव हर हाल में नरेन्द्र मोदी को यूपी में रोक लेना चाहते हैं. उधर राहुल गांधी भी बहन प्रियंका गांधी को लेकर राजनीति में आ गए हैं. ऐसे में बीजेपी की चुनावी नैया सिर्फ़ पिछड़ा समाज ही पार लगा सकता है. अगड़ी जाति के नाराज़ लोगों को दस फीसदी आरक्षण देकर मना लिया गया है.
बता दें कि उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने महावन में कहा था कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है. इस बार भी 2014 के समान ही बीजेपी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी और विपक्ष के लिये चुनाव में अपना अस्तित्व बचाना मुश्किल हो जाएगा. वो लगातार पार्टी के जीत के दावे करते आए हैं.
यूपी में चुनाव की तारीखें
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में हारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाज़ियाबाद और गौतमबुद्ध नगर सीटों के लिए वोटिंग हो चुकी है.
दूसरे चरण में नगीना (सु.), अमरोहा, बुलंदशहर (सु.), अलीगढ़, हाथरस (सु.), मथुरा, आगरा (सु.) और फतेहपुर सीकरी के लिए भा मतदान हो गया है.
तीसरा चरण 23 अपऐल को है जिसमें मुरादाबाद, रामपुर, संभल, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला, बरेली और पीलीभीत के लिए वोट डाले जाएंगे.
चौथे चरण में शाहजहांपुर (सु.), खीरी, हरदोई (सु.), मिश्रिख (सु.), उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा (सु.), कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर, जालौन (सु.), झांसी और हमीरपुर के लिए वोट पड़ेंगे.
पांचवें चरण में धौरहरा, सीतापुर, मोहनलालगंज (सु.), लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी (सु.), बाराबंकी (सु.), फैजाबाद, बहराइच, कैसरगंज और गोंडा.
छठें चरण में सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकर नगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, लालगंज (सु.), आजमगढ़, जौनपुर, मछली शहर (सु.) और भदोही.
सातवें और अंतिम चरण में महराजगंज, गोरखपुर कुशीनगर देवरिया बांसगांव (सु.), घोसी सलेमपुर बलिया गाजीपुर चंदौली वाराणसी मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज (सु.) में वोटिंग की जाएगी.
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