प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की मानद उपाधि लेने से इनकार कर दिया है. ओपी सिंह ने विवादों की वजह से मानद उपाधि नहीं लेने का फैसला किया है. यूनिवर्सिटी से जुड़े लोग ओपी सिंह को मानद उपाधि दिए जाने का विरोध कर रहे थे. विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि किसी सूबे के डीजीपी को मानद उपाधि देना सेंट्रल यूनिवर्सिटी की गरिमा के खिलाफ है. दीक्षांत समारोह के दौरान हंगामा होने की आशंका भी जताई जा रही थी.


22 साल बाद आयोजित हो रहे दीक्षांत समारोह में डीजीपी ओपी सिंह शामिल भी नहीं होंगे. अभी तक न तो वो प्रयागराज आए हैं और न ही यहां आने का कोई कार्यक्रम प्रस्तावित है.
डीजीपी ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को चिट्ठी लिखकर अपना नाम चुने जाने पर आभार जताया और मानद उपाधि नहीं लेने की जानकारी दी.


यूनिवर्सिटी के तमाम छात्र और पूर्व शिक्षक डीजीपी को मानद उपाधि दिए जाने का विरोध कर रहे थे. कल भी इस मामले में दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस हुई थी. डीजीपी के इंकार से यूनिवर्सिटी प्रशासन को तगड़ा झटका लगा है. यूनिवर्सिटी प्रशासन अब भी डीजीपी को मनाने की कोशिशों में जुटा है.


डीजीपी ओपी सिंह के साथ ही वेस्ट बंगाल के पूर्व गवर्नर केशरीनाथ त्रिपाठी को भी मानद उपाधि दी जानी है.सीनेट हॉल में होने वाले इस दीक्षांत समारोह में 124 होनहार छात्रों को मेडल से सम्मानित किया जाएगा. इस समारोह में सिर्फ मेडल व पीएचडी की डिग्री पाने वाले छात्रों को ही जाने की अनुमति होगी.


बता दें कि 22 साल पहले हुए दीक्षांत समारोह में नोबल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर रिचर्ड आरनार्ड और भारत रत्न से सम्मानित पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम को मानद उपाधियां दी गई थीं.


चिन्मयानंद मामला: सुप्रीम कोर्ट ने छात्रा को कॉलेज बदलने की अनुमति दी



एमिटी यूनिवर्सिटी पार्किंग विवाद: हमलावर छात्रों की तलाश में पुलिस लगातार कर रही है छापेमारी



यूपी वासियों पर महंगी बिजली की मार, विपक्ष के निशाने पर योगी सरकार