बुलंदशहर: बुलंदशहर के स्याना में हिंसा और इसमें एक पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार सिंह की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश सरकार का पूरा महकमा सवालों के घेरे में है. इस बीच सूबे के पुलिस प्रमुख ओपी सिंह ने कहा है कि बुलंदशहर की घटना एक षड्यंत्र है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है कि गौ मांस कहां से आया. उसे वहां कौन लाया? पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने कहा, "मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह घटना सिर्फ लॉ एंड ऑर्डर का हिस्सा नहीं है. यह किसी साजिश का भी हिस्सा है. उन्होंने कहा हम इसकी जांच के लिए एजेंसी को लगाया गया है.
दरअसल, बुलंदशहर के गांव चिंगरावठी में कथित तौर पर गोवंश के अवशेष मिले थे, जिसकी सूचना स्याना के इंस्पेक्टर को दी गई थी. इसके बाद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे. उन्होंने ग्रामीणों को समझाया-बुझाया. इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने गोवंश के अवशेष को लेकर पुलिस स्टेशन को घेर लिया और जाम लगा दिया. एक बार फिर समझाया गया. शुरुआत में ग्रामीण सहमत हो गए. बाद में ग्रामीणों ने पुलिस चौकी पर पथराव शुरू कर दिया और सुबोध सिंह को मौत के घाट उतार दिया. इस हिंसा में एक स्थानीय युवक सुमित की भी मौत हो गई.
बुलंदशहर में भीड़ की हिंसा ने यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, सवालों के घेरे में खुद सीएम योगी आदित्यनाथ हैं. यूपी में सत्ता में आने से पहले बीजेपी कानून व्यवस्था के मोर्चे पर अखिलेश सरकार को घेरती थी लेकिन अब योगी सरकार विपक्ष निशाने पर है. अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, ''बुलंदशहर में पुलिस व ग्रामीणों के संघर्ष में स्याना कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की मौत का समाचार बेहद दुखद है. भावपूर्ण श्रद्धांजलि. उप्र भाजपा के शासनकाल में हिंसा और अराजकता के दुर्भाग्यपूर्ण दौर से गुज़र रहा है.''