यूपी: मॉनसून के चलते पर्यटकों के लिए बंद हुआ दुधवा नेशनल पार्क
बता दें कि पर्यावरणीय दृष्टि से इस जैव विविधता को भारतीय संपदा और अमूल्य पारिस्थितिकी धरोहर के तौर पर माना जाता है. तरह-तरह के जीव जंतुओं के साथ दुधवा 400 पक्षी प्रजातियों का भी घर है.
लखीमपुर खीरी: इस वर्ष के पर्यटन सत्र में अंतिम दिन पर्यटकों की भारी आमद के बीच विश्वप्रसिद्ध दुधवा नेशनल पार्क शनिवार शाम से पर्यटकों के लिए बंद हो गया.दुधवा टाइगर रिजर्व में पर्यटकों को हर साल 15 नवंबर से 15 जून तक आने की इजाजत होती है.
क्षेत्रीय निदेशक रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि मानसून सीजन की वजह से दुधवा नेशनल पार्क, किशनपुर वन्य जीव सेंचुरी और कतर्नियाघाट सेंचुरी सहित पूरा दुधवा टाइगर रिजर्व बंद रहता है और सामान्य पर्यटन गतिविधियां नहीं होतीं.
उन्होंने बताया कि मानसून के समय रिजर्व में बारिश का पानी भर जाता है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष मार्च अंत तक कुल 29,661 भारतीय और 287 विदेशी पर्यटक दुधवा नेशनल पार्क आये. अप्रैल से 15 मार्च तक आने वाले पर्यटकों की संख्या जुड़ेगी तो आंकड़े और बढ़ेंगे.
बता दें कि दुधवा उद्यान जैव विविधता के मामले में काफी समृद्ध माना जाता है. पर्यावरणीय दृष्टि से इस जैव विविधता को भारतीय संपदा और अमूल्य पारिस्थितिकी धरोहर के तौर पर माना जाता है. इसके जंगलों में मुख्यतः साल और शाखू के वृक्ष बहुतायत से मिलते हैं.
हिरनों की पांच प्रजातियां- चीतल, सांभर, काकड़, पाढ़ा और बारहसिंगा, बाघ, तेन्दुआ, भालू, सेही, उड़न गिलहरी, हिस्पिड हेयर, बंगाल फ़्लोरिकन, हाथी, सूस (गैंजैटिक डाल्फ़िन), मगरमच्छ, लगभग 400 पक्षी प्रजातियां एवं सरीसृप, उभयचर, तितलियों के अतिरिक्त दुधवा के जंगल बहुत सी अन्य प्रजातियों का घर हैं.
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