जानिए, नेहरू-गांधी परिवार के गढ़ अमेठी-रायबरेली में क्यों हारी कांग्रेस?
अमेठी/रायबरेली: यूपी में कांग्रेस के सबसे मज़बूत गढ़ में भी बीजेपी ने सेंध लगा दी. रायबरेली और अमेठी की दस में से 6 सीटें बीजेपी ने जीत लीं. सिर्फ दो सीटें कांग्रेस के खाते में गयी हैं. सवाल ये है कि आखिर कांग्रेस ने ऐसी क्या गलती की जिससे उसके गढ़ में बीजेपी ने ना सिर्फ सेंधमारी की बल्कि कामयाब भी हो गयी.
बुरे वक्त से गुज़र रही कांग्रेस के लिए यूपी विधानसभा चुनाव ने चिंता की एक बड़ी वजह पैदा कर दी है. वजह है अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस पार्टी के ख़राब प्रदर्शन और बीजेपी की जबरदस्त जीत.
10 सीटों में से सिर्फ दो पर जीती कांग्रेस
दोनों जिलों की 10 विधानसभा की सीटों में से बीजेपी ने 6 सीट पर जीत हासिल की. दो सीटें समाजवादी पार्टी और दो कांग्रेस के खाते में आयी हैं. कांग्रेस के गढ़ अमेठी और रायबरेली की दस विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने जिन दो विधानसभा सीटों पर जीत भी हासिल की है, वो पार्टी के बैनर से ज्यादा कहीं ना कहीं प्रत्याशी के परिवार के प्रभाव से हुए हैं.
कांग्रेस के जीते हुए दो उम्मीदवारों में से एक हैं रायबरेली सदर सीट पर पांच बार के विधायक और बाहुबली कहे जाने वाला अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह और दूसरे हैं हरचंदपुर सीट से कांग्रेस एमएलसी दिनेश सिंह के भाई राकेश सिंह.
विधायकों की जीत में पार्टी का बड़ा योदगान नहीं!
कांग्रेस के इऩ दोनों विधायकों ने मोदी लहर में इसलिए जीत हासिल कर ली, क्योंकि दोनों के परिवार पहले से ही अपने क्षेत्र में बेहद प्रभावशाली हैं. इनकी जीत में कांग्रेस पार्टी का कोई बड़ा योगदान नहीं है.
उधर अमेठी में कांग्रेस को बुरी तरह हार मिली. अमेठी में महाराज संजय सिंह की पहली पत्नी और बीजेपी उम्मीदवार गरिमा सिंह ने जीत हासिल करके ना सिर्फ कांग्रेस की अमिता सिंह का खेल ख़राब किया बल्कि एसपी के गायत्री प्रजापति को भी पटखनी दी.
अब सवाल ये है कि आखिर कांग्रेस के इतने मज़बूत गढ़ में सेंध कैसे लगी. जनता का कहना है कि सीट तो हाई प्रोफाइल है लेकिन विकास नहीं हुआ, ऐसे में उनके पास बेहद सीमित विकल्प थे.
ये बातें आपके लिए जानना जरूरी-
रायबरेली और अमेठी गांधी परिवार का गढ़ है. राहुल गांधी साल 2004 से अमेठी लोकसभा सीट से सांसद हैं. तो वहीं, सोनिया साल 2004 से रायबरेली लोकसभा सीट से सांसद हैं. 66 साल में रायबरेली से सिर्फ तीन बार गैर कांग्रेसी सांसद चुना गया है. फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी रायबरेली से सांसद रह चुके हैं. तो वहीं, संजय गांधी और राजीव गांधी भी अमेठी से सांसद रह चुके हैं. राजीव गांधी 1981 से 1991 तक अमेठी के सांसद रहे.