नई दिल्ली: चुनाव में कब कौन सा दांव सही बैठ जाए ये अंदाजा कई बार नेताओं को खुद भी नहीं होता, इसीलिए रैलियों में हर तरह के हथियार का इस्तेमाल किया जाता है. बड़े बीजेपी नेता और देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश से ही हैं लेकिन इस चुनाव में वो यूपी के मुद्दों की सर्जिकल स्ट्राइक और भारत-पाकिस्तान के मुद्दे के जरिए वोटरों को साधने में लगे हैं.
राजनाथ सिंह ने एक नया शिगूफा छोड़ा है पाकिस्तान में जनमत संग्रह का. मतलब क्या पाकिस्तान के लोग पाकिस्तान का भारत में विलय चाहते हैं.
राजनाथ सिंह ने कहा, ''कश्मीर ने जनमत संग्रह की मांग करना वालों को रोकना चाहिए. कश्मीर में नहीं जनमत संग्रह की ये मांग पाकिस्तान में होनी चाहिए. जनमत संग्रह में पूछना चाहिए क्या पाकिस्तान के लोग भारत में चाहते हैं.''
चुनाव विधानसभा का और बात पाकिस्तान की
उत्तराखंड के हरिद्वार में एक चुनावी रैली के दौरान देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोगों को सर्जिकल स्ट्राइक की याद दिलाई. पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना की कार्रवाई से शुरू हुई बात पाकिस्तान में जनमत संग्रह तक पहुंच गई. राजनाथ ने कह दिया कि कश्मीर तो भारत का अभिन्न हिस्सा है ही, बहस इस पर होनी चाहिए कि क्या पाकिस्तान का भी भारत में विलय हो जाए.
इस बयान की कितनी अहमियत है ?
करीब डेढ़ साल पहले तब आरएसएस से जुड़े राम माधव ने कहा था कि आरएसएस को उम्मीद है कि भारत-पाकिस्तान साथ आएंगे और अखंड भारत का निर्माण होगा लेकिन तब बीजेपी ने ही राम माधव के इस बयान से किनारा कर लिया था. ऐसे में पाकिस्तान के भारत में विलय पर जनमत संग्रह वाला राजनाथ सिंह का बयान कहीं फिर सिर्फ एक चुनावी जुमला तो नहीं. हालांकि एबीपी न्यूज से बातचीत में राजनाथ सिंह का कहना है कि वो इस पर कायम हैं.
राजनाथ सिंह ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ''पाकिस्तान में जनमत संग्रह का बयान राजनीतिक जुमला नहीं. हम पड़ोसियों से शांति चाहते हैं, लेकिन वे बाज़ नहीं आते. हम उन्हें चुनौती देते हैं कि वे कश्मीर छोड़े पहले अपने यहाँ जनमत संग्रह कराएं फिर वे देखेंगे कि उन्हीं की जनता कहां रहना चाहती है?''
इसमें कोई दोराय नहीं कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी सर्जिकल स्ट्राइक को भुनाने की पूरी कोशिश कर रही है लेकिन सवाल ये है कि क्या पाकिस्तान में जनमत संग्रह वाली बात चुनाव के आगे भी जाएगी