मुलायम की तरफ से 1 जनवरी को जारी दोनों चिट्ठियों पर अलग-अलग साइन से उठे सवाल!
![मुलायम की तरफ से 1 जनवरी को जारी दोनों चिट्ठियों पर अलग-अलग साइन से उठे सवाल! Up Election Both The Letters Issued By Mulayam On 1st January Have Different Signature मुलायम की तरफ से 1 जनवरी को जारी दोनों चिट्ठियों पर अलग-अलग साइन से उठे सवाल!](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2017/01/03082951/mulayam-letter-.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
लखनऊ: एक जनवरी को मुलायम सिंह यादव के साइन वाली दो चिट्ठियां जारी की गई थीं. इसमें खास बात ये है कि मुलायम के अलग अलग साइन थे. 1 जनवरी को मुलायम सिंह यादव के नाम से दो चिट्ठी जारी की गई थीं.
इन दो चिट्ठियों में से एक में किरणमयी नंदा को पार्टी से निष्कासित करने का आदेश था औप दूसरी में राम गोपाल यादव के निष्कासन पर संसदीय बोर्ड की पुष्टि की गई थी. दोनों में मुलायम सिंह यादव के साइन अलग-अलग हैं.
अब सवाल ये है कि क्या किसी ने मुलायम के नाम से भी चिट्ठी पर साइन किए थे.
दरअसल एक चिट्ठी में मुलायम सिंह यादव का आधा नाम लिखा हुआ है जबकि दूसरी चिट्ठी में पूरा नाम लिखा हुआ है. ऐसे में सवाल यह भी है कि क्या मुलायम सिंह यादव की तरफ से कोई और चिट्ठियों पर साइन कर रहा है ?
दोनों चिट्ठियां फर्जी हैं- किरणमय नंदा
इस बारे में जब एबीपी न्यूज़ ने समाजवादी पार्टी से निकाले गए किरणमय नंदा ने से बात की तो उन्होंने इन चिट्ठियों को फर्जी बताया. किरणमय नंदा ने कहा कि मैने नेताजी के ऐसे साइन कभी नहीं देखे. मेरे पास नेताजी के बहुत सारे पत्र हैं. ये दोनों चिट्ठियां फर्जी हैं.
कोई चिट्ठियां जारी कर पार्टी तोड़ना चाहता है- किरणमय नंदा
उन्होंने कहा, ‘’कोई और नेताजी की तरफ से इस तरह की चिट्ठियां निकालकर पार्टी को तोड़ना चाहता है. नेताजी का हम बहुत सम्मान करते हैं और नेता जी हमेशा हमारे नेता रहेंगे.’’ नंदा ने कहा, ‘आने वाले चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हैं इसलिए हमने अखिलेश को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का फैसला किया था.’
भावनाओं की वजह से दस्तखत अलग- सीपी राय
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सीपी राय ने कहा है, 'दोनों दस्तखत मुलायम सिंह यादव ने भावनाओं में आकर किए हैं, इसलिए दोनों दस्तखत अलग-अलग हो गए हैं.' उन्होंने कहा है कि जब तक खुद नेताजी सामने आकर इस बात का खंडन नहीं करते की दस्तखत किसी और शख्स ने किए हैं, तबतक यह दस्तख सही ही माने जाएंगे.
नेता जी को लोग गुमराह कर रहे हैं- उदयवीर सिंह
अखिलेश खेमे के समर्थक उदयवीर सिंह ने कहा है, 'लोग नेता जी को लोग गुमराह कर रहे हैं. लोग उनको अलग-अलग मुद्दों में फंसाकर ऐसा कर रहे हैं. यह दस्तखत किसी और ने किए हैं.' उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता की भावनाओं में भहकर दस्तखत इतने बदल सकते हैं.
बताया जा रहा है कि कल किरणमय नंदा को पार्टी से निकालने के बाद मुलायम सिंह यादव ने उनसे बहुत देर तक बात की थी. लोग यह भी कह रहे हैं कि मुलायम सिंह यादव के यह पता नहीं रहता है कि उन्होंने किसी के खिलाफ फैसला ले लिया है. ऐसे में लोग आरोप लगा रहे हैं कि मुलायम सिंह के घर से ही कोई और उनके नाम पर साइन कर रहा है.
पूरा नाम ‘मुलायम सिंह यादव’ लिखते हैं मुलायम
आमतौर पर मुलायम चिट्ठियों पर अपना पूरा नाम ‘मुलायम सिंह यादव’ लिखते हैं. यही साइन उनका असली साइन माना जाता है. हालांकि पार्टी में इस मामले को लेकर कोई बात नहीं हो पाई है.
यह भी पढ़ें कहानी मुलायम सिंह के तख्ता पलट की! ‘साइकिल’ चुनाव चिह्न नहीं मिला तो ‘मोटरसाइकिल’ का निशान ले सकते हैं अखिलेश समाजवादी दंगल: आखिर किसकी होगी ‘साइकिल’ ? समाजवादी दंगल पर कुरैशी ने कहा, ‘जब्त हो सकता है साइकिल चुनाव चिन्ह’ समाजवादी दंगल: 24 घंटे, 10 बातें और बढ गईं मुलायम-अखिलेश में दूरियां ...तो क्या बरगद चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे अखिलेश यादव?ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)