लखनऊ: मुलायम परिवार का दंगल अब क्लाइमेक्स पर पहुंच गया है. आज शक्ति परीक्षण का दिन है. इस दंगल में अखिलेश मुलायम पर भारी पड़ रहे हैं. एक तरफ जहां अखिलेश ने अपनी बैठक में 198 विधायकों के साथ अपना दबदबा कायम किया है वहीं पिता मुलायम की बैठक में सिर्फ 15 विधायक और 75 उम्मीदवार ही पहुंच पाए.
मुलायम ने साढ़े 10 बजे बैठक बुलाई थी, बावजूद इसके यह बैठक 12 बजे तक भी शुरु नहीं हो पाई. खुद मुलायम खबर लिखे जाने तक बैठक में नहीं पहुंचे थे. बाद में मुलायम सिंह की बैठक से एक विधायक अखिलेश की बैठक में शामिल होने पहुंचे.
आजम के साथ मुलायम से मिलने पहुंचे अखिलेश
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आजम खां के साथ 25 मिनट की बैठक के बाद मुलायम सिंह यादव से मिलने पहुंचे हैं. बता दें कि अाजम खान दोनों पक्षों में सुलह कराने की कोशिश कर रहे हैं. अखिलेश के इस कदम को अब सपा विवाद में नया मोड़ माना जा रहा है.
लालू ने की मुलायम से बात
बाप-बेटे की बीच चल रही खींचतान के दौरान राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मुलायम सिंह से बात की है. लालू ने कहा है कि सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ एकजुट रहने की जरूरत है. उन्होंने मुलायम से कहा कि वह पार्टी को एकजुट रखने का काम करें.
अखिलेश को मिला बहुमत का साथ
बैठक में 198 विधायकों के समर्थन के साथ अखिलेश सीधे तौर पर यह संकेत दे रहे हैं कि पार्टी भले ही उन्हें बाहर कर दे लेकिन मुख्यमंत्री के तौर पर विधायकों की पसंद वहीं हैं. ऐसे में अगर सदन में शक्ति परीक्षण की नौबत आती है तो वह अपना समर्थन दिखा सकते हैं. इसके बाद मुलायम के घर उनसे मिलने पहुंचे सीएम अखिलेश ने उन्हें 207 विधायकों के समर्थन की लिस्ट सौंपी.
क्या चाहता है अखिलेश खेमा ?
पहला प्रस्ताव: अमर सिंह को पार्टी से निकाला जाए
दूसरा प्रस्ताव: अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाए
तीसरा प्रस्ताव: पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को संरक्षत बनाया जाए
चौथा प्रस्ताव: 2 जनवरी को होने वाली बैठक को रद्द कर दिया जाए
क्या है विवाद?
ताजा विवाद टिकटों कें बंटवारे को लेकर है. मुलायम ने यूपी विधानसभा चुनावों में पार्टी के 325 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की. इस लिस्ट में अखिलेश के करीबियों का नाम नहीं था. पिता के फैसले से नाराज अखिलेश ने ने 235 उम्मीदवारों की अलग लिस्ट जारी कर दी.
इसके बाद सपा के महासचिव रामगोपाल यादव ने एक जनवरी को पार्टी की आपात बैठक बुला ली, जिससे नाराज होकर मुलायम ने रामगोपाल और अखिलेश को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया.
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