48 घंटों में क्या-क्या हुआ जो सपा के टूटने की नौबत आई, पूरे घटनाक्रम पर एक नज़र
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लखनऊ: समाजवादी पार्टी में टूट की आहट बहुत दिनों से मिल रही थी, लेकिन किसी को ये अंदाजा नहीं था कि चुनाव की तारीखों के एलान के पहले ऐसा हो जाएगा. जो पार्टी अब तक परिवारवाद के लिए जानी जाती थी, उसी पार्टी में पिता ने अपने पुत्र को बाहर का रास्ता दिखा दिया.
ये सारा घटनाक्रम बहुत तेजी से हुआ. सिर्फ 48 घंटों में क्या-क्या हुआ और क्यों पार्टी के टूटने की नौबत आई, जानिए पूरा विवाद
ताजा विवाद टिकटों कें बंटवारे को लेकर- मुलायम सिंह यादव ने यूपी विधानसभा चुनावों में पार्टी के 325 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की. इस लिस्ट में अखिलेश के करीबियों का नाम नहीं था. मुलायम ने भाई शिवपाल यादव के उम्मीदवारों की तरजीह दी. उन 9 पूर्व मंत्रियों को टिकट दे दिया, जिन्हें अखिलेश ने मंत्रीमंडल से हटा दिया था.
नाराज अखिलेश ने 235 उम्मीदवारों की अलग लिस्ट जारी की- पिता के फैसले से नाराज अखिलेश ने अपने समर्थकों का टिकट काटे जाने की वजह पूछी तो उन्हें जवाब मिला कि शिवपाल यादव के सर्वे के मुताबिक फैसला किया गया औऱ उसे बदला नहीं जाएगा. जिसके बाद अखिलेश ने 235 उम्मीदवारों की अलग लिस्ट जारी कर दी. इस लिस्ट में सिर्फ 32 ऐसे नाम थे जो मुलायम की लिस्ट से अलग थे. अखिलेश ने पवन पांडे और अतुल प्रधान जैसे अपने समर्थकों का नाम जोड़ दिया था.
शिवपाल ने 68 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की- अखिलेश की लिस्ट के जवाब में गुरूवार देर रात शिवपाल यादव ने 68 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी. यानी पार्टी की तरफ से आधिकारिक तौर पर 393 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई.
इसके बाद सपा के महासचिव रामगोपाल यादव ने एक जनवरी को पार्टी की आपात बैठक बुला ली, जिससे नाराज होकर मुलायम ने रामगोपाल और अखिलेश को नोटिस भेजा और उसके आधे घंटे के अंदर दोनों को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया.
इसके बाद क्या-क्या हुआ ?
- सीएम अखिलेश और रामगोपाल को पार्टी से निकाले जाने के बाद शिवपाल यादव ने कहा कि जो भी रामगोपाल की इस बैठक में जाएगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
- अखिलेश को पार्टी से निकाले जाने के बाद पूरे यूपी में अखिलेश समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया. अखिलेश के समर्थन में दो पार्टी प्रवक्ताओं नावेद सिद्दीकी और जूही सिंह ने इस्तीफा दे दिया.
Banda (UP): Akhilesh Yadav's supporters stage protest over his expulsion from the party for 6 years, raise slogans against Shivpal Yadav pic.twitter.com/FsRVVc1Dzj
— ANI UP (@ANINewsUP) December 30, 2016
- समर्थकों का हंगामा देख रात में अखिलेश ने अपने आवास के बाहर आकर समर्थकों को शांत करने की कोशिश की. इस दौरान समर्थकों ने मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ नारेबाजी की.
Lucknow: UP CM Akhilesh Yadav greets his supporters gathered outside his residence as his convoy leaves from the residence pic.twitter.com/Dij8hrxvlA
— ANI UP (@ANINewsUP) December 30, 2016
- पार्टी में टूट के बीच आज सुबह 9 बजे अखिलेश ने अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है.
- जबकि साढ़े दस बजे पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह ने उन उम्मीदवारों की बैठक बुलाई है, जिनको टिकट दिया गया है.
इस तरह समाजवादी परिवार बिखर गया. चुनाव के ठीक पहले पार्टी टूट गई. इस फैसले ने पार्टी के बड़े नेताओँ की बोलती बंद कर दी.
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