लखनऊ: यूपी में सियासत हर पल करवट बदल रही है. उत्तर प्रदेश में सबसे पहले 11 फरवरी को पश्चिमी यूपी में वोट डाले जाने हैं. पश्चिमी यूपी में तकरीबन 50 ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां जाट जीत और हार के लिहाज से बेहद मायने रखते हैं. लेकिन, पश्चिमी यूपी के जाटों ने बगावती रुख इख़्तेयार कर लिया है. आखिर, किसके खिलाफ है ये बगावत और क्या है इस बगावत की वजह, आइये आपको बताते हैं.


मुजफ्फरनगर के खरड़ गांव में जाट संकल्प रैली करके जाट समुदाय के लोगों ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलने का फैसला किया है. बीजेपी के विरोध का सीधा कनेक्शन पिछले साल के हरियाणा कांड से है. तब जाट समुदाय के लोग आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे. जो बाद में हिंसक हो गया था. इस मामले में पुलिस ने समुदाय के लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था जो यूपी में विरोध की बड़ी वजह है.



आंकड़े गवाह हैं कि यूपी के विधानसभा चुनाव में जाट वोट कितना मायने रखता है. यूपी में तकरीबन 125 सीटें ऐसी हैं, जहां जाट वोटर मौजूद हैं. इसके अलावा तकरीबन 50 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पर जाट वोट 20 फीसदी या इससे ज़्यादा हैं. फिलहाल जाट समुदाय का ये विरोध कितना असर दिखाता है देखने वाली बात होगी.