नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के चुनावी माहौल में महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा वोट बांटने और वोट काटने की गारंटी बनता नजर आ रहा है. खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की चुनावी रैलियों में बहू-बेटियों की सुरक्षा के मुद्दे पर वोट मांगने वाले नेता जमकर गरज-बरस रहे हैं.

मनचलों को उल्टा लटकाने की बात कहकर क्या बीजेपी वोटों का ध्रुवीकरण सीधा करने की कोशिश में है? यूपी में महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा बड़ा है. लेकिन अब बहू-बेटियों की सुरक्षा के इसी मसले को बीजेपी ने अलगा रंग देना शुरु कर दिया है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि ये पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बच्चियों को ये अभिभावक पढ़ाने के लिए दिल्ली के कॉलेज में दाखिला कराते हैं. क्यों दिल्ली के क़ॉलेज में कराते हैं? मेरठ में क़ॉलेज नहीं है क्या. मुजफ्फरनगर में नहीं है ? सहारनपुर में नहीं है ? वहां इसलिए नहीं होता दाखिला क्योंकि सपा के गुंडे बच्चियों को वहां परेशान करते हैं. हमने तय किया है कि जिस जिस थाने में कॉलेज है, वहां एंटी रोमियो दल बनाकर सपा के गुंडों को उल्टा लटकाकर सीधा किया जाएगा.

बीजेपी अपने घोषणा पत्र में पहले ही ये वादा कर चुकी है कि प्रदेश में सरकार बनी तो छात्राओं के स्कूल कॉलेज के पास छेड़खानी रोकने के लिए एंटी रोमियो दल बनाया जाएगा. लेकिन ये बात घोषणा पत्र जारी करते हुए जितना जोर देकर नहीं कही गई, वो अब कही जा रही है. जब पश्चिमी यूपी में वोटिंग की तारीख नजदीक आ गई है. तो क्या इसकी कोई खास वजह है ?

चुनाव की तारीख नजदीक आती देख पश्चिमी यूपी में घूम घूम कर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ तक एंटी रोमियो दल की बात कहते हुए मनचलों को उल्टा टांगने की बात बोल रहे हैं.

बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीजेपी को आने दीजिए. अगर भारतीय जनता पार्टी की सरकार आएगी, बालिकाओं के साथ छेड़खानी की घटनाओं को रोकने के लिए पुख्ता व्यवस्था करेंगे. एंटी रोमियो स्क्वॉयड गठित होगा. अगल बालिकाओं के साथ छेड़खानी करोगे तो सार्वजनिक रूप से टंगवाने का काम भी एंटी रोमियो स्क्वॉयड करेगा.

किसको उल्टा टांग देंगे ? महिलाओं को छेड़ने वालों को ? या फिर बीजेपी उल्टा टांगने की बात किसी धर्म विशेष के खिलाफ कर रही है ? क्या इसी बहाने बीजेपी पश्चिमी यूपी में लव जेहाद का मुद्दा फिर गर्मा रही है ? .

कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पुलिस स्टेशन के माध्यम से उन अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन बीजेपी ने दिया है, जो खासकर उन बेटियों को परेशान करते हैं जो स्कूल और कॉलेज जाती हैं. यूपी में ऐसा माहौल भी देखा है जब बेटियों ने सार्वजनिक तौर पर मना किया स्कूल जाने से.

अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, स्मृति ईरानी. अगर यूपी में एंटी रोमियो दल बनाकर बहू-बेटियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाते हैं तो इसकी वजह शायद अपराध के आंकड़े हो सकते हैं. क्योंकि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के 2015 के आंकड़ों के मुताबिक महिलाओं से छेड़छाड़ के मामलों में यूपी देश में नंबर वन है. महिलाओं-छात्राओं को अगवा करने के 10 हजार से ज्यादा केस हुए. उत्तर प्रदेश में चार साल के भीतर महिलाओं से अपराध के मामले 150 फीसदी तक बढ़े हैं.

लेकिन इन आंकड़ों के आधार पर ही सिर्फ बीजेपी एंटी रोमियो दल बनाना चाहती है ? बीजेपी का एंटी रोमियो दल क्या उसके पुराने लव जेहाद के मुद्दे की अगली कड़ी है. तो क्या बीजेपी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो दल का कार्ड वोटों के ध्रुवीकरण के लिए खेल रही है ? महिला अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाली एनी राजा सवाल खड़ा कर रही हैं ?

बीजेपी शायद ही इस बात का आंकड़ा दे पाए कि पश्चिमी यूपी से कितनी छात्राओं ने मनचलों के डर से पढ़ाई छोड़ी या फिर दिल्ली पढ़ने चली गईं. और अगर ये सच है तो दो साल से बीजेपी खामोश क्यों रही ? बहुत सारे सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं. खासकर इस बात का भी कि क्या महिलाओं की सुरक्षा धर्म के नाम पर वोट के चश्मे से देखी जानी चाहिए ?

बीजेपी जब एंटी रोमियो दल की बात कर रही है तो इसके पीछे हिंदुत्व का कार्ड छिपा है. वजह है पश्चिमी यूपी का वोटबैंक. जहां 26 फीसदी मुस्लिम वोट है. बीजेपी जानती है कि अगर पश्चिमी यूपी का मुस्लिम वोट वाला तिलिस्म नहीं तोड़ा तो लखनऊ की राह आसान नहीं होगी. लेकिन आखिर एंटी रोमियो दल है क्या ?

बीजेपी के एंटी रोमियो स्क्वॉयड वाले राग में भले सिर्फ सियासत ज्यादा हावी हो लेकिन यूपी में पहले भी मनचलों के खिलाफ पुलिस ऐसी कार्रवाइयां कर चुकी है. और ये बात खुद हमें यूपी के डीजीपी रहे विक्रम सिंह ने बताई.

यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह बताते हैं कि इसको ऑपरेशन रोमियो के नाम से मैंने चलवाया था. जहां पर स्कूल कॉलेज जहां बच्चियां जाती हैं, ऐसे ऑफिस जहां बच्चियां महिलाएं ज्यादा हों, वहां अवांछनीय तत्वों को चिन्हित करके पूछताछ करते थे, अगर मां-बेटी यहां पढ़ती नहीं है तो यहां क्या कर रहे हैं, सही जवाब नहीं मिलने पर कानूनी कार्रवाई जाती थी.

मनचलों के खिलाफ पुलिस कैसे काम करती है और छेड़खानी करने वालों के खिलाफ बीजेपी का एंटी रोमियो स्क्वॉयड कैसे काम करेगा. इससे जुड़ी अहम बात फिर हमें पता चली. जिससे ये साबित होता है कि बीजेपी को महिलाओं की सुरक्षा की चिंता तो है, लेकिन बीजेपी के नेता का बयान बताता है कि वोटों के ध्रुवीकरण होने तक ही इनकी चिंता है.

यूपी में महिलाओं की सुरक्षा पर पुलिस क्या कर रही है. हमने ये भी जानना चाहा. हम महिला हेल्पलाइन 1090 के कॉल सेंटर पर पहुंचे. बिना FIR के ही यहां शिकायत करने पर पुलिस मदद करती है. सिर्फ 1090 पर एक फोन करने भर की देरी है. पिछले साल यहां महिलाओं से जुड़े एक लाख नब्बे हजार केस निपटाए गए थे. ज्यादातर शिकायत यहां छेड़खानी की ही आती है.

उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा का मुद्दा बड़ा है. इसमें कोई दो राय नहीं. लेकिन हर पार्टी के लिए ये सिर्फ सियासी मुद्दा है. इसका अंदाजा इस बात से लगा लीजिए कि अपहरण और रेप के आरोपी आनंदसेन यादव, मनोज पारस को समाजवादी पार्टी ने टिकट दिया है. तो बीएसपी ने रेप के आरोपी बज्मी सिद्दीकी को टिकट दे रखा है. पश्चिमी यूपी में पहले चरण में हर पार्टी ने बंपर दागी उम्मीदवारों को टिकट दे रखा है. सिर्फ पहले चरण की सीटों पर बीएसपी के 73 में से 26 पर गंभीर केस हैं. पहले चरण में बीजेपी के 73 में से 22 प्रत्याशी गंभीर अपाराधिक केस वाले हैं. एसपी के पहले चरण में 26 फीसदी उम्मीदवार दागी हैं. इनमें ऐसे दागी उम्मीदवारों की संख्या काफी है जो बलात्कार और महिलाओं के अपहरण के आरोपी हैं.

जो भी पार्टी आपसे वोट मांगने आए, उससे पूछिए क्यों रेप के एक भी आरोपी को टिकट दिया ? नेताओं से पूछिए क्यों महिला को अपहरण करने वाला चुनाव लड़ रहा है. और ये भी पूछिए कि क्या धर्म देखकर महिलाओं की सुरक्षा करने वाला एंटी रोमियो दल काम करेगा ?