लखनऊ: यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट में दरार आ गई है. ये ड्रीम प्रोजेक्ट है आगरा टू इटावा बाइसिकल हाइवे. साइकिल से चलने वालों के लिए इस ट्रैक को तैयार किया गया था. लेकिन इस ट्रैक में न सिर्फ दरारें आ गई हैं बल्कि कई जगह तो पैदल चलने लायक भी नहीं है. ABP न्यूज ने इस साइकिल ट्रैक की पड़ताल की तो हुए कई चौंकाने वाले खुलासे. देखिए ABP न्यूज संवाददाता मनोज वर्मा की ये पड़ताल.


अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट में दरार


यूपी की अखिलेश सरकार जिस साइकिल ट्रैक कहती है, उस सड़क पर साइकिल चलाना तो क्या पैदल चलना भी मुश्किल है. ABP न्यूज ने अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट की पड़ताल की है.



पड़ताल में क्या निकला ये जानने से पहले आपको इस साइकिल ट्रैक के बारे में बता दें.


आगरा से इटावा तक जाने वाले इस साइकिल ट्रैक की लंबाई 207 किलोमीटर है. इस ट्रैक को बनवाने में 134 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. दावा है कि ये बाइसिकिल हाइवे एशिया का सबसे लंबा साइकिल ट्रैक है. इसका उद्घाटन नवंबर 2016 में अखिलेश यादव ने किया था.


ABP न्यूज ने जब इस साइकिल ट्रैक की पड़ताल शुरू की तो हमारी मुलाकात अशोक कुशवाहा नाम के एक आरटीआई एक्टिविस्ट से हुई. इनकी माने तो साइकिल ट्रैक बनाने में बड़ा घोटाला हुआ है. अशोक कुशवाहा की माने तो उन्होंने आगरा के चीफ इंजीनियर से शिकायत भी की थी जिसके बाद जांच भी बिठाई गई.


अब सवाल ये कि क्या घोटाले की वजह से साइकिल ट्रैक का ये हाल हुआ?


हमने जांच के दौरान गांव वालों से भी बात की. गांव वालों का कहना है कि जिस ट्रैक को साइकिल चलाने के लिए बनाया गया उस पर भारी भरकम गाड़ियां दौड़ती हैं. आगरा के पास नागर गांव, सेरव गांव और कुतकपुर गांव सब जगह यही हाल है.



कई जगह टूटा साइकिल ट्रैक


साइकिल ट्रैक बनाने वाले सुरेश उपाध्याय नाम के ठेकेदार का भी यही कहना है कि भारी गाड़ियों की वजह से ट्रैक में दरारे आईं और टूट फूट हुई. कई गांवों में तो लोग ट्रैक को निजी इस्तेमाल में लाते दिखे.



साइकिल ट्रैक की हालत का जिम्मेदार कौन?


जब हमने इस ट्रैक की हालत पर इलाके के अधिकारियों से बात करनी चाही तो हमें कोई भी अधिकारी दफ्तर में नही मिला. बहरहाल ट्रैक की हालत घोटाले की वजह से खराब हुई या इस पर दौड़ रही गाड़ियों की वजह से इस बात का खुलासा तो सरकार को ही करना है.