नई दिल्ली: यूपी विधानसभा चुनाव में एक साथ उतरी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन पर अपनी आपत्ति जताते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि वह इस गठबंधन के समर्थन में नहीं हैं और वह इसके समर्थन में प्रचार नहीं करेंगे.


अखिलेश और राहुल गांधी ये गाना गा रहे हैं कि 'यूपी को ये साथ पसंद है' लेकिन अखिलेश के पिता मुलायम सिंह को ये दोस्ती पसंद नहीं आ रही है. कल राहुल और अखिलेश ने एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की, चुनावी रथ पर सवार होकर रोड शो किया लेकिन शाम होते होते मुलायम सिंह मीडिया के सामने आए और कहा कि वो इस गठबंधन के खिलाफ हैं इसलिए प्रचार भी नहीं करेंगे.




मुलायम ने कहा, ‘मैं बिल्कुल गठबंधन के खिलाफ हूं. मैं इसके पक्ष में प्रचार नहीं करूंगा.’ मुलायम ने कहा, ‘कांग्रेस ने लंबे समय तक देश पर शासन किया और इसे पीछे ले गई. हम हमेशा कांग्रेस के खिलाफ लड़े.’ अखिलेश द्वारा पार्टी अध्यक्ष के पद से हटाए जाने से पहले मुलायम ने विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना से इंकार किया था.


उन्होंने कहा, ‘समाजवादी पार्टी अकेले चुनाव लड़ने में सक्षम है. पहले भी उसने अकेले चुनाव लड़ा और बहुमत की सरकार बनाई. किसी मौके पर गठबंधन की जरूरत नहीं पड़ी.’


पिता पुत्र की लड़ाई में अब ये एक नया अध्याय है, बीजेपी कह रही है कि चुनाव में ये ड्रामा नहीं चलने वाला क्योंकि पब्लिक सब जानती है. बीजेपी को नेताजी की बात सही लग रही है लेकिन समाजवादी पार्टी के नेताओं का कहना है कि बीजेपी को हराने के लिए ये गठबंधन जरूरी था और जहां तक सवाल नेताजी यानी मुलायम की नाराजगी है तो उन्हें मना लिया जाएगा.



वैसे मुलायम की तरह राहुल और अखिलेश की ये दोस्ती बीएसपी प्रमुख मायावती को भी पसंद नहीं आ रही है, मायावती ने कहा है कि 'दिल मिले न मिले हाथ मिलाते रहिए' के छलावे की तर्ज पर इस प्रकार का गठबंधन अप्रत्यक्ष तौर पर गरीब, मजदूर, किसान विरोधी बीजेपी को फायदा पहुंचाने की साजिश है, जनता बहकावे में न आकर सतर्क रहे.


यूपी की जनता को ये गठबंधन कितना पसंद है ये तो ग्यारह मार्च को पता चलेगा जब चुनाव नतीजे आएंगे लेकिन फिलहाल दोनों मिलकर ये गाना जरूर गुनगुना रहे हैं कि 'यूपी को ये साथ पसंद है'.