यूपी: ओवैसी का मोदी-अखिलेश पर हमला, दोनों का बताया एक सिक्के के दो पहलू
लखनऊ : यूपी में सियासी पारा गरम है और बयानबाजियां भी खूब हो रही हैं. नेता एक-दूसरे पर आरोप लगाने से नहीं चूक रहे हैं और राजनीतिक हमले तेज हो गए हैं. इस बीच एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर करारा प्रहार किया है. ओवैसी ने दोनों को एक ही सिक्के के दो पहलू बता दिया है.
'अखिलेश मुसलमानों को बीजेपी से डराकर वोट हासिल करना चाहते हैं'
उत्तर प्रदेश के कानपुर में उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां मोदी मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए गुजरात में दंगे नहीं रोक पाये थे, वहीं दूसरी तरफ मुजफ्फरनगर के दंगों को अखिलेश नहीं रोक पाये. फिर दोनों में क्या फर्क बचा ? ओवैसी ने कहा कि अखिलेश मुसलमानों को बीजेपी से डराकर वोट हासिल करना चाहते हैं.
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कानपुर आना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने उन्हें आने नहीं दिया
कानपुर की आर्यनगर सीट से विधानसभा चुनाव में खड़े एआईएमआईएम उम्मीदवार के समर्थन में जनसभा करने रात करीब साढ़े नौ बजे ओवैसी कानपुर पहुंचे. उन्होंने कहा कि वह पहले भी कानपुर आना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने उन्हें आने नहीं दिया.
चुनाव आयोग के डर के कारण उन्हें यहां आने की अनुमति दी गई
ओवैसी ने कहा कि चुनाव आचार संहिता लागू होने की वजह से चुनाव आयोग के डर के कारण उन्हें यहां आने की अनुमति दी गई. उन्होंने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में करीब एक दर्जन चुनावी सभाएं कर चुके हैं लेकिन, उनके भाषण से प्रदेश में कहीं भी कानून व्यवस्था को खतरा नहीं पहुंचा.
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कानून व्यवस्था को नहीं बल्कि सपा की सरकार को खतरा था : ओवैसी
ओवैसी ने कहा कि असल में उनसे कानून व्यवस्था को नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी की सरकार को खतरा था. क्योंकि, उसे यह बात सामने आने का डर था कि वह भारतीय जनता पार्टी का डर दिखाकर मुसलमानों का वोट हासिल कर रही है. मुस्लिम बाहुल्य इलाके कर्नलगंज में आज रात ओवैसी ने उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर सीधा निशाना साधा.
बाघों के पीने के पानी के लिये वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगवाया गया
उन्होंने कहा कि सपा ने वायदा किया था कि मुसलमानों की बस्तियों में स्कूल खोले जायेंगे, मुस्लिम युवाओं को पुलिस समेत सभी जगह भर्ती की जायेगी, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ. आज उत्तर प्रदेश पुलिस में 55 प्रतिशत से पद रिक्त हैं. मुस्लिम बस्तियों में साफ पानी देने का वादा भी धरा रह गया. उल्टे, सैफई में खोली गई लायन सफारी में बाघों के पीने के पानी के लिये वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगवाया गया.
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