वाराणसी: यूपी के चुनावी घमासान में बिजली को लेकर एक दूसरे पर खूब कीचड़ उछाला जा रहा है. अखिलेश और मोदी की सरकार बिजली को लेकर बड़े बड़े दावे कर रही है, लेकिन दावों की पोल कल उस वक्त खुल गई जब बिजली मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस के ठीक बाद बत्ती गुल हो गई.


अंधेरे में डूब गया बीजेपी का चुनावी दफ्तर


वाराणसी में पीयूष गोयल बिजली को लेकर मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. प्रेस कॉन्फ्रेंस तो हो गई लेकिन इसके ठीक बाद बिजली ने झटका दे दिया. बत्ती गुल हो गई और बीजेपी का ये चुनावी दफ्तर अंधेरे में डूब गया.



बत्ती गुल होने के लिए अखिलेश की सरकार जिम्मेदार- गोयल


इस अंधेरे से जब पीयूष गोयल उजाले में आए तो एबीपी न्यूज से बात की और बत्ती गुल होने के लिए अखिलेश की सरकार को जिम्मेदार ठहरा दिया.


यूपी के चुनाव में बिजली बड़ा मुद्दा है. बिजली को लेकर हर पार्टी बड़े बड़े दावे कर रही है. दावों और वादों के बीच सच ये है कि बिजली मंत्री के सामने ही बत्ती गुल हो गई और ये वही वाराणसी है जहां अखिलेश ने चौबीस घंटे बिजली सप्लाई का दावा किया है.



यूपी के चुनाव में बिजली की किल्लत बना बड़ा मुद्दा


यूपी के चुनाव में बिजली की किल्लत बड़ा मुद्दा है. पीएम मोदी ने बिजली किल्लत को लेकर अखिलेश पर हमला किया था. अखिलेश ने कहा था कि वाराणसी में 24 घंटे बिजली आती है.


आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में बिजली सप्लाई जरूरत के हिसाब से नहीं हो रही. यूपी के गांव में 71 फीसद घरों में बिजली नहीं है. वहीं, यूपी के शहरों में 33 फीसद घरों में बिजली नहीं है. यूपी में बिजली का कारोबार घाटे में चलता है. 2013-14 में यूपी में बिजली कारोबार में करीब 17 हजार करोड़ का घाटा हुआ.