यूपी में मोदी लहर: कौन बनेगा मुख्यमंत्री, आज शाम संसदीय बोर्ड की बैठक में होगा फैसला
नई दिल्ली: यूपी में राम लहर से बड़ी पीएम मोदी की लहर साबित हुई. बीजेपी को भारी बहुमत मिला. बीजेपी में जीत का जश्न जारी है इस बीच बड़ा सवाल ये है कि यूपी का मुख्यमंत्री कौन बनेगा. एबीपी न्यूज के पास जो जानकारी है उसके मुताबिक छह नाम बीजेपी की रेस में चल रहे हैं. आज शाम 6 बजे बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक होगी, जिसमें मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग सकती है.
यूपी में बीजेपी का सीएम कौन?
राजनाथ सिंह-
सीएम की कुर्सी के लिए देश के मौजूदा गृह मंत्री राजनाथ सिंह सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. राजनाथ सिंह यूपी से ही ताल्लुक रखते हैं और 2002 तक सीएम का पद भी संभाल चुके हैं. यूपी को बीजेपी में जीत दिलाने के लिए बतौर राष्ट्रीय नेता सबसे ज्यादा सवा 100 रैलियां भी राजनाथ ने की.
लेकिन क्या राजनाथ सिंह को दोबारा यूपी भेजना पसंद करेंगे पीएम मोदी, क्योंकि केंद्र में बार-बार प्रतिभा की कमी को लेकर सवाल उठता रहा है. खुद राजनाथ के लिए भी ये फैसला लेना आसान नहीं होगा कि वो केंद्र में बने रहें या फिर लौटकर प्रदेश की राजनीति करें.
मनोज सिन्हा-
यूपी के गाजीपुर से सांसद मनोज सिन्हा भी सीएम की रेस में हैं. इसकी बड़ी वजह उनका पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का करीबी होना है. आईआईटी-बीएचयू के छात्र रहे मनोज सिन्हा अभी मोदी सरकार में दूरसंचार और रेल राज्यमंत्री हैं और उनका काम भी संतोषजनक रहा है.
भूमिहार जाति के मनोज सिन्हा यूपी की प्रभावी जाति में नहीं गिने जाते हैं. इसलिए उनका दावा भी मजबूत माना जा रहा है.
योगी आदित्यनाथ-
मुख्यमंत्री पद की रेस में गोरखपुर से बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ का नाम भी दमदार माना जा रहा है. आदित्यनाथ हिंदुत्व का मुखर चेहरा माने जाते हैं. फायर ब्रांड छवि होने की वजह से पश्चिमी यूपी से पूर्वांचल तक उनकी जबरदस्त पैठ है.
प्रदेश के नेताओं में शायद संघ और बीजेपी के कार्यकर्ताओं में सबसे ज्यादा लोकप्रिय भी हैं. बहुसंख्यकों का ध्रुवीकरण कराने में भी आदित्यनाथ अहम भूमिका कही जा रही है. लेकिन कम प्रशासनिक अनुभव और बहुत ज्यादा कट्टर हिंदुत्व चेहरा होने की वजह से आदित्यनाथ के चयन में परेशानी आ सकती है.
केशव प्रसाद मौर्य- बीजेपी के यूपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने गैर यादव पिछड़ी जातियों को पार्टी के साथ खड़ा करने में बड़ी भूमिका निभाई है. फूलपुर से बीजेपी सांसद केशव युवा हैं और मेहनती भी. इसलिए केंद्रीय नेतृत्व उन्हें पसंद करता है. लेकिन अतीत की जिंदगी के कुछ दागदार पन्ने उनकी राह में रोड़े अटका सकते हैं. श्रीकांत शर्मा- यूपी के सीएम की रेस में बीजेपी के पास एक और नाम श्रीकांत शर्मा का है. श्रीकांत अभी पार्टी में राष्ट्रीय सचिव हैं. मथुरा से पहली बार विधानसभा चुनाव श्रीकांत शर्मा ने लड़ा और बड़ी जीत भी हासिल की. श्रीकांत अमित शाह के बेहद करीबी हैं. कहा तो यहां तक जाता है कि अमित शाह के पास जाने का रास्ता श्रीकांत शर्मा के पास से ही खुलता है. सिद्धार्थनाथ सिंह टीवी चैनलों में बीजेपी का पक्ष रखने वाले सिद्धार्थनाथ सिंह भी सीएम पद के उम्मीदवार हैं. इलाहाबाद पश्चिम से उन्होंने जीत दर्ज की है. सिद्धार्थ नाथ सिंह पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाती हैं. इलाहाबाद की रैली में अमित शाह ये पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि बीजेपी की सरकार बनने पर उन्हें महत्वपूर्ण दायित्व दिया जाएगा. यूपी में कमल खिलाने वाली बीजेपी के पास चेहरे तो हैं, लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं. जानकार बताते हैं कि यूपी जैसे बड़े और जटिल राज्य में कोई डमी कैंडिडेट नहीं चल सकता. फिर यूपी की जनता ने आगे आकर बीजेपी को जिस कदर भारी बहुमत दिया है, उसके पीछे जनता की भारी अपेक्षाएं और आंकाक्षाएं भी छिपी हैं.