नई दिल्ली/लखनऊ: यूपी में टिकट बंटवारे पर समाजवादी पार्टी परिवार के अखाड़े में ‘दंगल’ जारी है. आलम ये है कि समाजवादी कुनबे की ओर से यूपी के 403 विधानसभा सीटों के लिए अभी तक 630 से ज्यादा उम्मीदवारों के नाम का एलान हो चुका है. अखिलेश यादव औऱ शिवपाल सिंह यादव दोनों मुलायम सिंह यादव से मिलकर अपनी ताकत का अहसास कराने की कोशिश कर रहे हैं. अपनी अपनी रणनीति चाक चौबंद की जा रही है.
सपा का चुनाव चिन्ह जब्त करा सकते हैं अखिलेश
इसबीच ताजा जानकारी यह है कि अखिलेश सपा का चुनाव चिन्ह जब्त कराने के लिए चुनाव आयोग का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं. इससे पहले सुबह अखिलेश यादव ने अपनी कोर टीम के साथ बैठक की है. अखिलेश का खेमा मुलायम पर लगातार दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है, इसके लिए अखिलेश के वो समर्थक टिकट लौटा सकते हैं जिन्हें मुलायम ने उम्मीदवारों की अपनी लिस्ट में जगह दी है. उधर अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव ने मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की है.
मुलायम सिंह बैठक बुलाई
परिवार में मचे इस ‘भाई-भतीजा वार’ के बीच कल सुबह 10 बजे मुलायम सिंह यादव ने उम्मीदवारों की बैठक बुलाई है. इसमें समाजवादी पार्टी के घोषित उम्मीदवारों को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में बैठक के लिए बुलाया गया है. पार्टी में जारी उठापटक के मद्देनज़र इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में मुलायम सिंह यादव प्रत्याशियों के रूख को भांपने की कोशिश भी करेंगे.
पार्टी की आधिकारिक लिस्ट
- समाजवादी पार्टी अब अभी तक आधिकारिक तौर पर 396 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर चुकी है.
- 325 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट 28 दिसंबर को जारी की गयी.
- 68 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट 29 दिसंबर जारी हुई.
- 3 उम्मीदवारों की लिस्ट आज सुबह जारी की गयी.
अखिलेश की नाराजगी और लिस्ट
शिवपाल की लिस्ट से नाराज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक बार फिर बगावती तेवर दिखा रहे हैं. अखिलेश की ये नाराजगी उनके समर्थकों का टिकट कटे जाने से है. मुलायम सिंह औऱ शिवपाल यादव से मुलाकात में अखिलेश ने तीखे सवाल किए और टिकट काटने की वजह पूछी. नाराजगी इस कदर है कि अखिलेश अपने समर्थकों के अलग चुनाव लड़ाने के लिए भी तैयार हैं. अखिलेश खेमे का दावा है कि पार्टी से अलग उन्होंने 235 की लिस्ट जारी की है जिसमें से 184 नाम सार्वजनिक हुए हैं. इस लिस्ट में अखिलेश ने अपने करीबियों को टिकट दिया है. अखिलेश की इस लिस्ट में 171 मौजूदा विधायक शामिल हैं.
आगे की रणनीति
बताया जा रहा है कि कुल मिलाकर करीब 75 सीटों की उम्मीदवारी को लेकर तनातनी है. चुनाव पास औऱ पार्टी के अंदर टकराव को बढ़ते देख बीच बचाव की कोशिशें भी तेज हो गयी है. ऐसा रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है जहां दोनों ही पक्षों की की बता रख बीच का रास्ता निकाला जा सके. लेकिन अगर ये नही होता है तब ऐसे में क्या होगा.
अगर अखिलेश अलग से लोगों को लड़ाते हैं तो प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते शिवपाल उनकी लिस्ट को पार्टी से अलग बता नामांकन पत्र दाखिले के लिए जरूरी मान्यता देने से मना कर सकते हैं. तो वहीं अखिलेश खेमे से ये बताया जा रहा है कि अगर उनकी बात नहीं मानी जाती तो वो चुनाव आयोग में समाजवादी पार्टी की सिंबल फ्रीज करने का आवेदन दे सकते हैं.
बहरहाल, यूपी में सत्ता पर काबिज समाजवादी पार्टी परिवार में छिड़ी वर्चस्व की इस लड़ाई में अभी अभी कौन चित्त होगा ये साफ नही है. क्योंकि दोनों ही पक्ष अपने अपने दांव पूरी मजबूती से आजमा रहे हैं. दोनों ही पक्ष अपनी अपनी लिस्ट के समर्थन में सर्वे के हथियार से लैस हैं. और अपनी लिस्ट के उम्मीदवार को जिताउ बता रहे.