नई दिल्ली: लखनऊ सहित 14 शहरों में 120 रूट्स पर चलने वाली इलेक्ट्रिक बसों के रूट गूगल पर दिखाई देगा. इलेक्ट्रिक बसों का संचलान बेहतर ढंग से करने के लिए रिमोट सेंसिंग एप्लिकेशन सेंटर, लखनऊ इसके लिए सभी रुट की मैपिंग कर रहा है. उत्तर प्रदेश के 14 शहरों में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा. सबसे खास बातये है कि इन बसों को गूगल मैप से भी ट्रैक किया जा सकेगा.


पैसेंजर्स गूगल मैप के जरिए ट्रैफिक का हाल भी जान सकेंगे. केंद्र सरकार ने चुनिंदा शहरों में इसे शुरू करने के लिए 1 साल की समय सीमा दी है. यूपी शहरी परिवहन के संयुक्त निदेशक अजीत सिंह ने कहा कि हमें इंफ्रास्टक्चर तैयार करने की जरुरत है.


एक निजी फर्म को सभी 14 शहरों में बसों के संचालन का ठेका दिया गया है. टेंडरिंग प्रक्रिया को सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी गई. 14 शहरों में कुल 700 इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी. इन 700 इलेक्ट्रिक बस में से 600 बस फेम-2 स्कीम के तहत राज्य के 11 शहरों में चलाई जाएंगी. अन्य शहरों में राज्य के इलेक्ट्रिक वाहन योजना के तहत इनका संचालन किया जाएगा.


प्रदूषण पर काबू के लिए यूपी के 14 शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चलाने के संबंध में कैबिनेट से एक प्रस्ताव पास हुआ है. पूरी योजना पीपीपी मॉडल पर आधारित है. इन बसों के चलाने पर सालाना ढाई सौ करोड़ रुपए खर्च होगा. इसमें से 120 करोड़ रुपए टिकट से आमदनी होगी और 130 करोड़ रुपए राज्य सरकार सब्सिडी देगी. जिन शहरों में इन बसों का संचालन किया जाएगा उनमें लखनऊ, मेरठ, प्रयागराज, आगरा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, गोरखपुर, अलीगढ़, झांसी, बरेली, शाहजहांपुर, मथुरा और वृंदावन का नाम शामिल है.


लखनऊ, कानपुर और आगरा को 100 बसें मिलेंगी; प्रयागराज, गाजियाबाद, वाराणसी, मेरठ, मथुरा-वृंदावन को 50 और मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी, बरेली, गोरखपुर और शाहजहाँपुर को 25 बसें मिलेंगी. परियोजना की कुल लागत 965 करोड़ रुपये है.


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