लखनऊ: साल 2014 में उत्तर प्रदेश से एक भी मुसलमान सांसद जीतकर लोकसभा में नहीं पहुंच सका था लेकिन इस बार का हाल कुछ अलग है. इस बार छह सांसद जीत के साथ दिल्ली का रुख करने को तैयार हैं. प्रदेश में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या कुल मतदाताओं की करीब 19.5 प्रतिशत है. वे प्रदेश की करीब 30 सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
इस साल समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के तीन-तीन उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है.
रामपुर लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के आजम खान ने भाजपा की प्रत्याशी जया प्रदा को एक लाख से अधिक वोटो से हरा दिया.चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार सपा प्रत्याशी आजम खान ने अपनी निकटतम प्रतिद्वन्दी जया प्रदा को एक लाख 9 हजार 997 वोटों से हरा दिया.
खान को पांच लाख 59 हजार 177 वोट मिले जबकि जया प्रदा को चार लाख 49 हजार 180 वोट मिले. कांग्रेस प्रत्याशी संजय कपूर को 35 हजार नौ वोट मिले. 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेपाल सिंह यहां से जीते थे.
सपा से मोहम्मद आजम खान (रामपुर), शफिकुर रहमान वर्क (संभल) और एसटी हसन (मुरादाबाद) हैं जबकि बसपा से अफजाल अंसारी (गाजीपुर), दानिश अली (अमरोहा) और फजलुर रहमान (सहारनपुर) हैं.
ये सभी मुसलमान सांसद ऐसे इलाकों से चुने गए हैं, जहां मुसलमान आबादी अच्छी-खासी है.
इस साल कुछ बड़े मुसलमान उम्मीदवार चुनाव हार भी गए. इनमें सलमान खुर्शीद (फरुखाबाद), सलीम शेरवानी (बदायूं), जफर अली नकवी (लखीमपुर) और कैसर जहां (सीतापुर) प्रमुख हैं. ये सभी कांग्रेस की सीट पर चुनाव लड़े.
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