वाराणसी:  भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद शनिवार यानि 30 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में रोड शो करेंगे. चार घंटे तक चलने वाला रोड शो कचहरी के पास से शुरू होकर संत रविदास मंदिर के पास तक जाएगा. भीम आर्मी के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने इस रोड शो के लिए वाराणसी डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन से अनुमति मांगी है. भीम आर्मी के वाराणसी जिलाध्यक्ष अवनीश अवस्थी ने दावा किया कि अगर रोड शो की परमिशन नहीं मिलती तब भी कानून का उल्लंघन कर के भी रोड शो होगा. वे परमिशन के लिए कलेक्ट्रेट स्थित एडीएम के ऑफिस पहुंचे हुए थे.


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जनता की नब्ज टटोलने के लिए रोड शो


भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने वाराणसी संसदीय क्षेत्र से पीएम मोदी के खिलाफ चुनावी ताल ठोंकने का ऐलान कर दिया है. इसके चलते वाराणसी सहित पूर्वांचल में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. अपने चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद चंद्रशेखर आजाद 30 मार्च को रोड शो कर वाराणसी की जनता का मन टटोलने की कवायद करेंगे.


गठबंधन ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय लड़ेंगे


चंद्रशेखर आजाद के रोड शो की तैयारियों के लिए भीम आर्मी के पूर्वांचल प्रभारी डॉक्टर सागर वाराणसी पहुंच चुके हैं. डॉ सागर ने बताया कि भीम आर्मी चीफ वाराणसी में सात किलोमीटर लंबा रोड शो करेंगे. इसके लिए भीम आर्मी के वाराणसी जिलाध्यक्ष अवनीश अवस्थी ने जिला निर्वाचन कार्यालय में परमिशन के लिए लेटर दे दिया गया है. भीम आर्मी के कार्यकर्ता रोड शो को सफल बनाने की तैयारी में लगे हुए हैं. डॉ सागर ने कहा कि अगर सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस चंद्रशेखर आजाद को वाराणसी से अपना संयुक्त उम्मीदवार नहीं बनाती है, तो वो निर्दल प्रत्याशी के रूप में पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे.


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मोदी को आसानी से नहीं जीतने दूंगा

उधर चंद्रशेखर आजाद ने वाराणसी से अपने चुनाव लड़ने की वजह बताते हुए बयान दिया है कि वे वाराणसी से मोदी के खिलाफ एक मजबूत कैंडिडेट चाहते थे और ऐसा होता नहीं दिख रहा है. उनका कहना है कि वे मोदी को आसानी से चुनाव नहीं जीतने देंगे, इसलिए भीम आर्मी की तरफ से वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि वे चाहते थे कि वाराणसी से मायावती, अखिलेश यादव या मुलायम सिंह यादव में से कोई वाराणसी से लड़े, लेकिन ऐसा होता नहीं दिखा रहा जिसकी वजह से उन्होंने वाराणसी से चुनाव लड़ने की घोषणा की है.


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मायावती के वोट बैंक में लगा सकते हैं सेंध

सियासी हलकों में चर्चा है कि चंद्रशेखर रावण के वाराणसी से चुनाव लड़ने की स्थिति में बसपा कमजोर होगी. बसपा सुप्रीमो मायावती को भी इस बात का अंदाजा है पूर्वांचल में भीम आर्मी की दस्तक से बसपा कमजोर होगी. इसीलिए उन्होंने चन्द्रशेखर रावण और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की मुलाकात के बाद कांग्रेस पर तीखी टिप्पणी की थी. भीम आर्मी चीफ के वाराणसी रोड शो को पूर्वांचल में भीम आर्मी की ताकत बढ़ाने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है.