(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'ना मैं नेता हूं और ना ही बनना चाहता हूं - मैं रवि किशन बने रहना चाहता हूं'
वर्ष 2014 में जौनपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके किशन ने कहा कि देश की जनता विकास चाहती है और वह जाति मजहब को बहुत पीछे छोड़ चुकी है. प्रदेश में सपा-बीएसपी-रालोद गठबंधन कोई असर नहीं डाल पाएगा.
लखनऊ: गोरक्षपीठ के विशेष प्रभुत्व वाले गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी रवि किशन का कहना है कि वह ना तो नेता हैं और ना ही बनना चाहते हैं. चुनाव जीतने के बाद वह गोरखपुर में भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री को नए मुकाम तक ले जायेंगे.
भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार रवि किशन ने बातचीत में कहा कि फिल्मी कलाकारों का राजनीति में आना कोई गुनाह नहीं है. फिल्मों से जुड़े लोग भी अच्छे नेता हो सकते हैं. दक्षिण भारत में इस तरह के बहुत से उदाहरण हैं.
इस सवाल पर कि क्या वह गोरक्षपीठ के प्रभुत्व वाले गोरखपुर के नये नेता बनकर उभरना चाहते हैं, किशन ने कहा 'ना मैं नेता हूं और ना ही बनना चाहता हूं मैं रवि किशन बने रहना चाहता हूं क्योंकि इसी वजह से तो लोग मुझे प्यार करते हैं.'
सांसद बनने के बाद गोरखपुर के लिए रवि किशन क्या करेंगे? इस सवाल पर वह कहते हैं 'सच बताऊं तो मुझे समझ ही में नहीं आ रहा है कि मैं गोरखपुर के लोगों से क्या कहूं. योगी बाबा (योगी आदित्यनाथ) ने एक सांसद के रूप में गोरखपुर में इतना विकास कर दिया है कि अब मेरे लिए कुछ करने को बचा ही नहीं है.'
वह कहते हैं, 'अगर मैं सांसद चुन लिया गया तो गोरखपुर में फिल्म इंडस्ट्री खड़ी करूंगा. पूर्वांचल के बहुत से युवाओं की अभिनेता बनने की ख्वाहिश है और मैं उनकी इस प्रतिभा के जरिए उन्हें रोजगार दिलाऊंगा.'
अभिनय से राजनीति में आने वाले कलाकारों को लेकर अक्सर लोगों की राय नकारात्मक होने के बारे में पूछे जाने पर किशन ने दक्षिण भारत के कामयाब अभिनेताओं/नेताओं एनटी रामा राव, जयललिता और राजनीति में कदम रखने वाली कई अन्य मशहूर हस्तियों का हवाला देते हुए कहा कि अगर फिल्मी कलाकारों के सामने एक नेता के रूप में विश्वसनीयता का संकट होता तो यह सभी लोग देश की सियासत के इतिहास में अपना नाम दर्ज ना करा पाते.
योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने से पहले पांच बार गोरखपुर सीट से सांसद चुने जा चुके हैं. अक्सर यही देखा गया है कि यहां से गोरक्षपीठ का वरदहस्त प्राप्त प्रत्याशी ही चुनाव जीतता रहा है.
गोरक्षपीठ से इतर प्रत्याशी होने के नाते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ से चुनाव जीतना कितनी बड़ी चुनौती है, इस सवाल पर भोजपुरी सुपरस्टार ने कहा 'कौन कहता है कि मैं मठ का प्रत्याशी नहीं हूं. योगी बाबा ने मुझे चुना है और मुझे उनका आशीर्वाद प्राप्त है. मैं यहां से जीतने के बाद योगी बाबा की खड़ाऊं रख कर काम करूंगा.'
पिछले साल हुए गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी की हार और सपा-बीएसपी गठबंधन के उभार के बारे में पूछे जाने पर किशन ने कहा ‘‘ काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती. पिछले उपचुनाव में सपा-बीएसपी गठबंधन ने पूरी ताकत लगाने के बावजूद बहुत मामूली अंतर से ही जीत हासिल की थी. इस बार जनता प्रधानमंत्री मोदी को दोबारा चुनने के लिए वोट दे रही है, लिहाजा परिणाम बिल्कुल अलग होंगे.’’
वर्ष 2014 में जौनपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके किशन ने कहा कि देश की जनता विकास चाहती है और वह जाति मजहब को बहुत पीछे छोड़ चुकी है. प्रदेश में सपा-बीएसपी-रालोद गठबंधन कोई असर नहीं डाल पाएगा.
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के कारण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा 'मैंने देखा कि जनता के लिए काम करने वाले एक सच्चे व्यक्ति को हराने के लिए विपक्षी दल बेवजह साजिशें रच रहे हैं. ऐसे में मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में खड़े होने का फैसला किया.'
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