लखनऊ: योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार से पहले वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. राजेश अग्रवाल ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि अब वे 75 वर्ष के होने जा रहे हैं. पार्टी की रीति-निति के अनुसार वे अपना त्याग पत्र भाजपा नेतृत्व को दो दिन पहले ही सौंप चुके हैं. उन्होंने लिखा है कि उनकी जगह कुछ नए और योग्य चेहरों को काम करने का अवसर दिया जाए. उन्होंने कहा कि बढ़ती उम्र के चलते वह इस्तीफा दे रहे हैं, जिसे उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेज दिया है.
रुहेलखंड विवि से पढ़े राजेश अग्रवाल का जन्म 18 सितंबर 1943 को हुआ था. वे पेशे से व्यापारी हैं और 2004 से 2007 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा के डिप्टी स्पीकर भी रह चुके हैं. राजेश अग्रवाल 2017 के विधानसभा चुनाव में वह बरेली कैंट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. योगी आदित्यनाथ सरकार में उन्हें वित्तमंत्री पद की जिम्मेदारी सौपी गई थी. राजेश अग्रवाल उत्तर प्रदेश विधानसभा के डिप्टी स्पीकर भी रह चुके हैं.
अग्रवाल 1993 से बरेली कैंट से लगातार 7 बार विधायक रहे हैं. शुरुआती दौर में राजेश अग्रवाल संघ से जुड़े रहे फिर भाजपा में शामिल हुए. वह लगातार छह बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. मौजूदा सरकार में उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया था. इसके पहले वह उत्तर प्रदेश सरकार में व्यापार निबंधन एवं कर मंत्री भी रह चुके हैं. साथ ही वह प्रदेश के महामंत्री भी रह चुके हैं. मौजूदा समय में वह पार्टी में कोषाध्यक्ष भी हैं.
बता दें कि सीटों के अनुपात के अनुसार योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या 60 तक हो सकती है. योगी मंत्रिमंडल में 47 मंत्री थे, जिनमें से तीन, रीता बहुगुणा जोशी, डॉक्टर एस पी सिंह बघेल और सत्यदेव पचौरी सांसद निर्वाचित होने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी मंत्रिमंडल से त्याग पत्र दे दिया है. वे योगी सरकार में स्वतंत्र परभार के परिवहन राज्य मंत्री थे. एक व्यक्ति, एक पद के फ़ार्मूले को मानते हुए स्वतंत्र देव सिंह ने इस्तीफ़ा दिया है.
सामाजिक समीकरण और परफ़ॉर्मेंस को आधार बनाते हुए योगी मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ की इस मामले में लंबी बातचीत हो चुकी है.
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