नई दिल्ली: सेना में खराब खाने की शिकायत करके चर्चा में आए जवान तेज बहादुर यादव को अखिलेश यादव ने वाराणसी से अपना आधिकारिक प्रत्याशी घोषित कर दिया है. तेज बहादुर वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. इससे पहले प्रत्याशी घोषित हुई शालिनी यादव अब डमी कैंडिडेट के रूप में रहेंगी और उन्हें नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि तक अपना नाम वापस लेना पड़ सकता है. पहले तेज बहादुर के निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पीएम मोदी को चुनौती देने की बात सामने आई थी पर अब वो सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.

कौन हैं तेज बहादुर

20 साल की ड्यूटी में तेज बहादुर पश्चिम बंगाल, मणिपुर, असम, त्रिपुरा, में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

पिछले बीस साल की सेवा में तेज बहादुर यादव को चार बार कड़ी सजा मिल चुकी है, जिसके तहत उन्हें क्वार्टर गार्ड में भी रखा जा चुका है. नशे में ड्यूटी करना, सीनियर का आदेश न मानना, बिना बताए ड्यूटी से गायब रहना और कमांडेंट पर बंदूक तानने तक का भी आरोप लगा था.

2017 में वायरल हुआ था तेज बहादुर का वीडियो

बता दें कि साल 2017 में तेज बहादुर यादव बीएसएफ कैंप के भोजन का वीडियो फेसबुक पर पोस्ट कर चर्चा में आए थे. वीडियो में तेज बहादुर ने खाने की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे. उन्होंने बताया था कि सीमा पर डटे जवान को खाने में क्या मिलता है और कितना मिलता है. तेज बहादुर की पत्नी शर्मिला यादव ने पति के ऊपर लगे आरोपों और बीएसएफ में खराब खाना मिलने की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी.

क्या कहा था बीएसएफ जवान तेज बहादुर ने
बीएसएफ के जवान तेज बहादुर ने वीडियो में खराब खाने और राशन घोटाले का आरोप लगाया था. वीडियो में तेज बहादुर ने कहा था, “देशवासियों मैं आपसे एक अनुरोध करना चाहता हूं. हम लोग सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक, लगातार 11 घंटे इस बर्फ में खड़े होकर ड्यूटी करते हैं. कितना भी बर्फ हो, बारिश हो, तूफान हो, इन्‍हीं हालातों में हम ड्यूटी कर रहे हैं.” सोशल मीडिया पर अपने संदेश को डालते हुए तेज बहादुर ने अपील की है कि उसके दर्द को देश समझे.''

क्या थे तेज बहादुर के आरोप
बीएसएफ के जवान तेज बहादुर ने फेसबुक पर वीडियो डाल बीएसएफ के जवानों को मिल रहे खाने की शिकायत की थी. इसके लिए तेजबहादुर ने सरकार को कुछ नहीं कहा लेकिन बीएसएफ के अधिकारियों पर बदइंतजामी के आरोप जरूर लगाए थे.

जवान की शिकायत पर गृह मंत्रालय ने क्या कहा था

गृह मंत्रालय ने पीएमओ को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा था, ''बीएसएफ जवान की उस शिकायत में कोई दम नहीं नजर आया है. जिसमें कहा गया है कि सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को घटिया राशन दिया जाता है. साथ ही इस पर जोर दिया गया है कि ‘सुरक्षाबलों के खाने को लेकर कोई व्यापक असंतोष नहीं है.''

अपनी रिपोर्ट में गृहमंत्रालय ने पीएमओ से कहा था कि अर्धसैनिक बलों की किसी भी चौकी पर राशन की कमी नहीं है और नियमित रूप से क्वालिटी की जांच की जाती है.

अनुशासनहीन तो करियर में 16 गोल्ड क्यों मिले- तेज बहादुर

एबीपी न्यूज से बात करते हुए तेज बहादुर ने कहा था कि उन्हें सजा मिल चुकी है, लेकिन वह ये भी दावा किया था कि उन्हें 16 बार सम्मानित भी किया जा चुका है.

दागदार करियर और जवानों के हक के लिए आवाज उठाने वाले तेज बहादुर की जिंदगी के ये दो पहलू हैं. लेकिन उनके घरवालों और दोस्तों से बात कर इतना तो साफ लग रहा है कि वो न तो झगड़ालू हैं और न ही मानसिक रूप से कोई दिक्कत है. बावजूद इसके बीएसएफ ने खराब रवैये और अनुशासनहीनता की बात कही थी.

भ्रष्टाचार को लेकर आवाज़ उठाई, मुझे सजा दी गई- तेज बहादुर

लोकसभा चुनाव लड़ने के एलान के बाद तेज बहादुर यादव ने कहा था, ‘’भ्र्ष्टाचार की आवाज उठाने की सज़ा मुझे सेना से बर्खास्त करके दी गई. पीएम मोदी भ्र्ष्टाचार मुक्त भारत की बात करते थे, उन्ही को देखते हुए मैंने सेना में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर आवाज़ उठाई थी, लेकिन मुझे बर्खास्त करके सजा दी गई.’’

तेज बहादुर यादव ने आगे कहा, ‘’अब मैं वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़कर फिर से देश को भ्र्ष्टाचार मुक्त करने की आवाज उठाऊंगा.’’

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