ललितपुर: सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानून व्यव्स्था को दुरूस्त करने का दावा तो करते हैं लेकिन यूपी में महिलाओं और दलितों के खिलाफ हिंसा पर रोक नहीं लग रही है. ताजा मामला ललितपुर जिले का है जहां रघुनाथपुरा गांव में गुरुवार को दबंग पिता-पुत्र ने कथित तौर पर एक दलित महिला को निर्वस्त्र कर पेड़ से बांध दिया और उसकी जमकर पिटाई की. पुलिस अधिकारी हिमांशु गौरव ने शुक्रवार को बताया, "गांव में हल्कू नामक व्यक्ति अवैध शराब के कारोबार से जुड़ा है. दलित महिला ने उससे अपने पति के बारे पूछा तो उसने पहले गाली-गलौज किया और बाद में अपने बेटे की मदद से उसे पेड़ से बांध दिया और उसकी पिटाई की."


बताया जा रहा है कि मां को बचाने गई उसकी नाबालिग बेटी को भी मारा-पीटा गया है. महिला को शक था कि उसका पति हल्कू के घर में शराब पी रहा है. पुलिस ने कहा, "मारपीट के दौरान महिला के कपड़े फट कर शरीर से अलग हो गए. इस मामले में पिता-पुत्र के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी गई है. घायल मां-बेटी का चिकित्सीय परीक्षण भी कराया गया है, अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई."


बता दें कि एनसीआरबी के आंकड़ों के हिसाब से साल 2016 में अनुसूचित जाति (एससी) के खिलाफ अत्याचार के कुल 40,801 मामले सामने आए जिसमें से एससी/एसटी(अत्याचार का निवारण) एक्ट, 1989 के तहत कुल 5082 मामले दर्ज किए गए. इसका मतलब है कि अनुसूचित जाति के खिलाफ हर रोज लगभग 112 और हर घंटे लगभग पांच अपराध हो रहे हैं. अनुसूचित जाति के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध उत्तर प्रदेश में हुए हैं. साल 2016 में यूपी में एससी के खिलाफ अपराधों के 10,426 मामले दर्ज किए गए. यानि कि अनुसूचित जाति के खिलाफ एक चौथाई अपराध यूपी में हो रहे हैं जहां सूबे की आबादी का लगभग 21 प्रतिशत आबादी दलित (एससी) है.