गोरखपुरः भाजपा के टिकट पर गोरखपुर से लोकसभा चुनाव जीतकर पहली बार संसद पहुंचे रविकिशन भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए लगातार पहल कर रहे हैं. ऐसा ही नजारा संसद भवन में उस वक्‍त देखने को मिला, जब गोरखपुर के सांसद रविकिशन अपनी बात स्‍पीकर के सामने रख रहे थे. भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए वे स्‍पीकर के सामने अपनी बात रखते-रखते भावावेश में बह गए और गंगा मइया पर आधारित भोजपुरी गीत गाने लगे. इस पर स्‍पीकर ने उन्‍हें गीत गाना बंद करके अपनी बात रखने को कह दिया.


भावावेश में बहे रविकिशन सोमवार को संसद में स्‍पीकर के सामने कह रहे थे कि भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए. उन्‍होंने जब भोजपुरी में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने जब काशी में यूपी और बिहार के लोगों का भोजपुरी भाषा में अभिवादन किया, तो सब ‘बम-बम’ हो गया. उनकी बात को सभी बड़े ही गौर से सुन रहे थे. रविकिशन रहे थे कि भोजपुरी भाषा भारत की एक महत्वपूर्ण भाषा है. इसका इतिहास लगभग एक हज़ार वर्ष पुराना है. भारत की 125 करोड़ आबादी में क़रीब 20 करोड़ लोग और दुनिया के अन्‍य देशों मॉरीशस, फ़िजी, गुयाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो सहित अन्य कैरिबियन देशों में भी लगभग इतनी ही संख्या में लोग भोजपुरी बोलते हैं.


मॉरीशस में तो इसे दूसरी राजभाषा का सम्मान प्राप्त है. इसकी उदात्त और गौरवशाली परम्परा रही है. इस भाषा में बड़े पैमाने पर साहित्य सृजन किया जा रहा है. स्नातक और स्नातकोत्तर उपाधि दी जा रही है. इस भाषा में बड़े पैमाने पर लोकप्रिय फ़िल्मों का निर्माण होता है. इसमें लाखों लोगों को रोज़गार मिलता है. भोजपुरी राष्ट्र भाषा होने के लिए आवश्यक सभी मानकों को पूरा करती है. ये देश और दुनिया के 40 करोड़ लोगों की अभिव्यक्ति की आवाज़ है. इतनी बड़ी संख्या होने के बावजूद भी आजतक भोजपुरी भाषी लोगों ने कभी भी अपनी भाषा को लेकर उग्रता नहीं दिखाई. वे आज़ादी के बाद से ही शांतिपूर्ण ढंग से इस भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग करते रहे हैं.


इसे आज तक संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है. जिस कारण इसके संवर्धन और विकास लिए इसे राजकीय संरक्षण प्राप्त नहीं है. भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करना करोड़ों लोगों की आकांक्षा से जुड़ा एक अत्यंत संवेदनशील मुद्दा है. हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री ने जन-आकांक्षाओं का हमेशा सम्मान किया है और यह सम्मान ही लोकशाही का सबसे बड़ा सौंदर्य है.


इसलिए उन्‍हें उम्‍मीद है कि इसे आठवीं अनुसूची में शामिल कर भोजपुरी भाषी लोगों को सम्‍मान दिया जाएगा. इसके बाद वे भोजपुरी में गंगा मईया पर आधारित गीत गाने लगे. लेकिन स्‍पीकर ने उन्‍हें बीच में ही अपनी बात रखने के लिए टोक दिया. इस बीच रविकिशन को बहक जाने का अहसास हुआ और संसद की गरिमा को ध्‍यान में रखते हुए फिर वे भाषा की मिठास को लेकर सफाई देने लगे.


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