लखनऊ: यूपी में योगी मंत्रिमंडल में फेरबदल अब अगले महीने होगा. पहले ये कहा गया था कि कर्नाटक चुनाव के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. उपचुनावों में लगातार हार के बाद से ही कुछ मंत्रियों को हटाए जाने के संकेत मिलने लगे थे. बीएसपी और समाजवादी पार्टी गठबंधन के बाद बीजेपी अब नया सामाजिक समीकरण साधने में जुटी है. मंत्रिमंडल का अगला विस्तार इसी फार्मूले से होगा.कुछ मंत्रियों को हटाया जाएगा. कुछ की जिम्मेदारी बदल सकती है. मंत्रिमंडल में कुछ नए चेहरे शामिल किये जाने की भी चर्चा है. सूत्रों की मानें तो योगी सरकार में कोई बड़ा उलट फेर नहीं होने वाला है.


17 जून को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे योगी आदित्यनाथ
सीएम योगी आदित्यनाथ 17 जून को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे . इस मुलाकात में यूपी को लेकर चर्चा होगी. अगले लोक सभा चुनाव को लेकर सरकार और संगठन पर भी बात हो सकती है. 14 जून को सूरजकुंड में बीजेपी के संगठन मंत्रियों की बैठक है. यूपी में पार्टी के संगठन मंत्री सुनील बंसल यहां की रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे. बीजेपी अध्यक्ष उनसे सरकार में फेरबदल को लेकर चर्चा करेंगे.

लखनऊ का दौरा करेंगे पार्टी अध्यक्ष अमित शाह
खबर है कि अगले महीने के पहले हफ्ते में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह लखनऊ का दौरा करेंगे. दो दिनों के दौरे पर वे संगठन से लेकर सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे. संघ के जिम्मेदार लोगों से भी वे सलाह मशविरा करेंगे. इन बैठकों के बाद योगी सरकार में शामिल होने वाले चेहरों के नाम का एलान हो सकता है. लेकिन इतना तय है कि अति पिछड़ी जाति और दलितों को मंत्रिमंडल फेरबदल अधिक जगह मिलेगी.

बीजेपी मंत्रिमंडल में अभी 47 मंत्री हैं संख्या 60 तक हो सकती

सीएम योगी आदित्यनाथ समेत बीजेपी मंत्रिमंडल में अभी 47 मंत्री है. मंत्रियों की संख्या 60 तक हो सकती है. राज्य के 75 में से अभी 40 ज़िलों के किसी भी नेता को मंत्री नहीं बनाया गया है. अकेले लखनऊ से ही 7 मंत्री है. हो सकता है इनमें से एक या दो हटा दिए जायें. अयोध्या और फैज़ाबाद इलाके से किसी को योगी सरकार में जगह नहीं मिली है. खबर है कि इस इलाके पर भी बीजेपी हाईकमांड की मेहरबानी हो जाए. मिशन 2019 के लिहाज से ही फेरबदल करने की तैयारी है. यूपी के मंत्रियों को संगठन में भेजने पर विचार हो रहा है. वहीं संगठन से कुछ चेहरों को मंत्रिमंडल में भेजने पर फैसला हो चुका है. जिन दो चार मंत्रियों की वजह से योगी सरकार की किरकिरी हुई है, उनका पत्ता काटने का भी मन बन चुका है.

चुनाव के लिए पार्टी को 8 फीसदी वोट बढ़ाने होंगे
लगातार उपचुनावों में बीजेपी की हार से पार्टी के बड़े नेता हैरान परेशान हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर और डिप्टी सीएम केशव मौर्या के फूलपुर में भी पार्टी अपनी लाज नहीं बचा पाई. बीएसपी के समर्थन से समाजवादी पार्टी दोनों लोकसभा उपचुनाव जीत गई. एसपी के सहयोग से आरएलडी ने कैराना उपचुनाव में बीजेपी को हरा दिया. इसीलिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने महागठबंधन को हराने के लिए 50 प्रतिशत वोट का लक्ष्य दिया है. इस हिसाब से पार्टी को 8 फीसदी वोट बढ़ाने होंगे. ये चुनौती बड़ी कठिन है. अगर बीजेपी इसमें कामयाब नहीं हुई तो मिशन 2019 सपना ही रह जाएगा. इसी सपने को पूरा करने के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह यूपी में सरकार और संगठन में बदलाव की तैयारी में हैं.