लखनऊ: महाराष्ट्र के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार ने भी प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन लगाने का फैसला किया है. आने वाली 15 जुलाई से इसके प्रयोग पर पूरी तरह बैन लगा दिया जाएगा. 15 जुलाई से सभी शहरी निकायों में 50 माइक्रॉन से पतली पॉलिथिन प्रतिबंधित करने का आदेश दिया गया है. बता दें कि हाल ही में यूपी कैबिनेट ने ''सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी'' को भी मंजूरी दी है. महाराष्ट्र सरकार ने बैन के साथ जुर्माने का भी प्रावधान किया है जिसके तहत अगर कोई प्लास्टिक की थैलियों के साथ पकड़ा जाता है तो उस पर पांच हजार रुपए तक का जुर्माना लागाया जाएगा.
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प्लास्टिक बोतल को मिट्टी बनने में लगते हैं 450 से 1000 साल
दरअसल, प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर दुनिया भर के पर्यावरणविदों में चिंता है. एक वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक 50 माइक्रोन से कम वाले किसी प्लास्टिक बैग को पूरी तरह मिट्टी बनने में करीब 500 साल लग जाएंगे. आप ये जानकर चौंक जाएंगे कि रोज़ाना इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक की बोतलों को पूरी तरह मिट्टी में गलने में 450 साल से लेकर 1000 साल तक लग जाएगा.
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किस तरह की प्लास्टिक पर लगा बैन?
गौरतलब है कि प्लास्टिक को पर्यावरण के लिए खतरा मानते हुए महाराष्ट्र सरकार ने प्लास्टिक उत्पादों की बिक्री, इस्तेमाल, निर्माण और संग्रह पर रोक लगाई थी. सरकार इसे कड़ाई से लागू करने के लिए स्थानीय निकायों की मदद ले रही है. प्लास्टिक से बने कैरी बैग, ग्लास, चम्मच, प्लेट, तरल पदार्थ रखने वाले प्लास्टिक, प्लास्टिक पैकिंग मटेरियल, प्लास्टिक स्ट्रॉ, नॉन वोवन प्रोलीप्रोपेन बैग और पाउच आदि पर पाबंदी लगाई गई है.