लखनऊ: कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन को महीना भर से ज्यादा बीत चुका है. परिवहन और आवागमन के साधन बंद होने के चलते देश के विभिन्न हिस्सों में प्रवासी मजदूर-कामगार, छात्र और टूरिस्ट अभी भी फंसे हुए हैं. ऐसे में गृह मंत्रालय का ताजा आदेश उन लोगों के लिए राहत की खबर लेकर आया है, जो अपने राज्यों की ओर रुख करना चाहते हैं.


गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई गाइडलाइन्स


राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में फंसे लोगों को निकालने के लिए अंतरराज्यीय यात्रा की सुविधा को लेकर निर्देश दिए गए हैं. गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन्स के बाद राज्य अपने निवासियों को निकालने के लिए दूसरे राज्यों से संपर्क कर रहे हैं.


उत्तर प्रदेश के निवासियों को कहा गया है कि वो जिस जिले में भी हैं, वहां के नजदीकी क्वॉरंटाइन सेंटर में जाकर अपना पूरा ब्यौरा दर्ज कराएं. प्रदेश सरकार की ओर से राज्यों के नोडल अफसर इस ब्यौरे को जुटाकर उन्हें निकालने की कार्य योजना में शामिल करेंगे. इस व्यवस्था में उन्हीं लोगों को वापस लाया जाएगा, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से ठीक होंगे.


यूपी सरकार पहले ही कर चुकी है पहल


केंद्र सरकार के निर्देश जारी होने के पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार छात्रों और मजदूरों को लाने की पहल कर चुकी है. पहले दिल्ली बॉर्डर से यूपी के 4 लाख लोगों को लाया गया. इसके बाद कोटा से 15 हजार बच्चों को लाया गया. हरियाणा से 12 हजार श्रमिकों व कामगारों को सकुशल यूपी लाया गया है. इतना ही नहीं प्रयागराज में शिक्षारत छात्रों को उनके गृह जनपद भेजा गया. अब मध्य प्रदेश से तमाम बसें लगाकर हजारों लोगों को यूपी लाने का काम चल रहा है.

इसी कड़ी में गुजरात, उत्तराखंड व राजस्थान से भी श्रमिकों को जल्द से जल्द लाने का आदेश दिया गया है. इस पर कार्य योजना बननी भी शुरू हो गई है. संभवत: दो से तीन दिनों में आने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. यही नहीं कोटा और प्रयागराज के बाद दिल्ली, नोएडा और अलीगढ़ में अध्ययनरत शिक्षार्थियों को यूपी लाने की प्रक्रिया शुरू की गई है. नोएडा व अलीगढ़ के डीएम व एसएसपी को आदेश दिया गया है कि वो अपने यहां शिक्षार्थियों को उनके गृह जनपद भेजने की व्यवस्था करें.


यूपी सरकार ने दिल्ली सरकार से साधा संपर्क


दिल्ली से छात्रों को लाने के लिए दिल्ली सरकार से संपर्क साधा गया है. दिल्ली सरकार से ऐसे छात्रों की सूची लेने व उनका स्वास्थ्य परिक्षण कराकर वापस भेजने पर शीघ्र बातचीत होगी. जिन लोगों को भी वापस लाया जाएगा, उन्हें 14 दिन क्वॉरंटाइन में रखने के बाद ही घर भेजा जाएगा. गौरतलब है कि देश भर में सबसे अधिक क्षमता वाले क्वॉरंटाइन सेंटर यूपी में हैं. वर्तमान में यूपी के क्वॉरंटाइन सेंटरों की क्षमता 7 लाख है. इसे सीएम योगी ने अब 10 लाख तक करने का निर्देश दिया है. इसके लिए प्रदेश के बड़े शैक्षिक संस्थानों जैसे कॉलेज, विश्वविद्यालय को क्वॉरंटाइन सेंटर बनाने का निर्देश दिया है.


गृह मंत्रालय की गाइडलाइन -


- अगर आप घर से दूर कहीं बाहर फंसे हैं तो फिलहाल आप खुद से घर नहीं जा सकते. इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लोगों को लाने-ले जाने की अनुमति दी है.


- सभी राज्य और केन्द्र शासित राज्य नोडल अधिकारी की नियुक्ति करें. जो सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें. इतना ही नहीं राज्यों और केन्द्र शासित राज्यों में पहुंचने वाले लोगों का ब्यौरा भी रखा जाए.


- आपको अपने घर जाने के लिए अपने राज्य की सरकार की ओर से नियुक्त लोकल नोडल अथॉरिटी का पता करना होगा. जहां आप घर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.


- अगर फंसे हुए समूह में लोग एक राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश से दूसरे राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश जाना चाहते हैं तो भेजने वाले और जिस राज्य में वह समूह जा रहा है दोनों राज्य एक दूसरे की आपसी सहमति के साथ सड़क के जरिए भेज सकते हैं.


- किसी भी व्यक्ति को भेजने से पहले उसकी स्क्रीनिंग की जाएगी और अगर वह पूरी तरह ठीक पाया जाए तो ही उसे भेजने की मंजूरी दी जाए. यानी अगर आप में कोरोना के संक्रमण से होने वाली बीमारी कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं हैं, तभी आपको घर जाने की अनुमति दी जाएगी.


- प्रवासी मजदूरों, यात्रियों और छात्रों को समूह में सिर्फ बस से ही भेजा जाएगा. भेजने से पहले बस को सैनिटाइज कराया जाएगा. इतना ही नहीं यात्रा के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा.


- रास्ते में पड़ने वाले राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश उस राज्य के लिए रास्ता देंगे जहां पर ये गाड़ी जा रही है.


- अगर आप अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगे तो आपको क्वॉरंटाइन किया जाएगा. स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की यह जिम्मेदारी है कि वह आपको होम क्वारंटाइन में रखे. इस दौरान आपका हेल्थ चेक अप किया जाएगा.


- आपको आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल करना होगा, यानी इसे अपने मोबाइल में रखना होगा ताकि आपके हेल्थ स्टेटस पर नजर बनाई रखे जा सके और साथ ही आपको ट्रैक किया जा सके.


- यात्रा के दौरान अगर आपकी तबीयत में किसी तरह की गड़बड़ी पाई जाती है तो आपको उसी वक्त अस्पताल ले जाया जायेगा. यानी आप फिर घर नहीं जा पाएंगे.


ये भी पढ़ें-


पूर्व जज मार्केंडेय काटजू का मोदी सरकार पर तंज, कहा- रोटी नहीं दे सकते तो रामायण दिखा दो


PCB के पूर्व चेयरमैन का दावा- 'बीमार थे उमर अकमल, पड़ते थे मिर्गी के दौरे'