स्वेटर से गरम हुई यूपी की राजनीति, अब सरकार ने लिया है ये फैसला
एक स्वेटर की अधिकतम लागत 200 रुपये तय की गई है. इन स्वेटरों की रंग मैरून होगा.
लखनऊ: यूपी के सरकारी स्कूलों में बच्चों को स्वेटर कब तक मिलेगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है. जिन दो कंपनियों का चयन स्वेटर खरीद के लिए हुआ था, उनके टेंडर रद्द कर दिए गए हैं. इन कंपनियों ने सरकार की बतायी कीमत पर स्वेटर देने से हाथ खड़े कर दिए थे.
बेसिक शिक्षा मंत्री ने अब सभी ज़िलों के शिक्षा अधिकारियों से लोकल मार्केट से स्वेटर खरीद कर बच्चों में बांटने को कहा है. कड़ाके की ठण्ड में भी बच्चों को अब तक स्वेटर नहीं मिलने से योगी सरकार की किरकिरी हो रही है.
यूपी के सरकारी स्कूलों में बच्चों को मुफ्त में स्वेटर नहीं बांटे जाने पर राजनीति भी शुरू हो गई है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव के योगी सरकार पर निशाने का जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि हमने स्वेटर भेज दिए हैं.
अखिलेश ने कहा था कि सरकार बार-बार स्वेटर के टेंडर कैंसल कर रही है और स्कूल के बच्चे सरकार की तरफ़ से दिए जाने वाले स्वेटर का इंतजार. कहीं ऐसा न हो कि इधर बच्चे झूठी उम्मीदों की आग तापते ही रह जाएं और उधर टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते-होते मई-जून आ जाए.
स्कूल बांटेंगे स्वेटर बेसिक स्कूलों में स्वेटर बांटने की जिम्मेदारी विद्यालय प्रबंध समिति को सौंपी गई है. साथ ही एक स्वेटर की अधिकतम लागत 200 रुपये तय की गई है. इन स्वेटरों की रंग मैरून होगा. बेसिक शिक्षा के मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह ने इस बारे में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं. 6 जनवरी से वितरण की बात कही गई है. इससे पहले स्वेटर खरीद की पूरी सरकारी कवायद फेल हो गई थी जिसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग अपने परंपरागत नियम पर वापस लौट आया.