नई दिल्ली: योगी आदित्यनाथ सरकार ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ, केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ल समेत 13 अन्य लोगों के खिलाफ 22 साल पहले दर्ज हुए मुकदमे को खत्म करने का आदेश दिया.


27 मई 1995 को शहर के पीपीगंज कस्बे में प्रशासन की अनुमति के बगैर धरना-प्रदर्शन करने के मामले में आईपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज हुआ था. उस समय पीपीगंज में धारा 144 लागू थी. राज्यपाल राम नाइक से मंजूरी मिलने और शासन से पत्र मिलने के बाद जिला प्रशासन प्रक्रिया पूरी करने में जुटा है.


इस मुकदमे को खत्म करने के लिए जल्द ही न्यायालय में प्रार्थनापत्र प्रस्तु्त किया जाएगा. जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने 27 अक्टू्बर को पत्र लिखकर शासन से इस मुदकमे को वापस लेने का अनुरोध किया था.


कांग्रेस ने कार्टून के जरिए बोला हमला
योगी सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने कार्टून के जरिए हमला बोला है. कांग्रेस ने अक कार्टून ट्वीट किया जिसमें लिखा है, ''अपराध में यूपी भले भी अव्वल हो गया हो लेकिन इतने ‘अच्छे दिन’ पहले कभी नहीं आए. जब सब कुछ खुद ही हों तो फिर बरी तो होना ही था.''